H3N2 virus in hindi|एच 3 एन2 वायरस हिंदी में
H3N2 virus in hindi 1 इन्फ्लुएंजा क्या है ?(H3N2 virus in hindi) इन्फ्लुएंजा H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लुएंजा वायरस है जो मानवों में संक्रमण करता है। यह वायरस आमतौर पर सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों का कारण बनता है। इस वायरस का नाम H3N2 उसके अंतर्गत आने वाली हेमाग्लुटिनिन और न्यूमोएडोज इंफ्लुएंजा वायरस के विभिन्न…
H3N2 virus in hindi
1 इन्फ्लुएंजा क्या है ?(H3N2 virus in hindi)
इन्फ्लुएंजा H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लुएंजा वायरस है जो मानवों में संक्रमण करता है। यह वायरस आमतौर पर सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों का कारण बनता है। इस वायरस का नाम H3N2 उसके अंतर्गत आने वाली हेमाग्लुटिनिन और न्यूमोएडोज इंफ्लुएंजा वायरस के विभिन्न तरल समूहों से है।
इन्फ्लुएंजा H3N2 वायरस के लक्षणों में सर्दी जुकाम, खांसी, गले में दर्द, बुखार, थकान और शरीर में दर्द शामिल होते हैं। अधिकतर मरीजों को कुछ दिनों में स्वस्थ होने लगते हैं, लेकिन कुछ मरीजों में इससे गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
इस वायरस से बचाव के लिए, नियमित धोने से हाथों को साफ रखना, जहां भी बहुत भीड़ हो जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना और स्वस्थ खानपान की आदतें बनाए रखना आवश्यक होता है। अगर आपके संक्रमित होने के लक्षण हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
2 किन्हें ज्यादा खतरा है ?(H3N2 virus in hindi)
हाँ, H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस बहुत ज्यादा खतरा होता है। यह वायरस आमतौर पर सीज़नल इन्फ्लुएंजा के रूप में जाना जाता है और यह ज्यादातर गर्भवती महिलाओं
बुजुर्गों और बच्चों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण में बुखार, ठंड लगना, खांसी, थकान, सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल होते हैं। इसके अलावा स्वस्थ्य कर्मिओं को भी संक्रमित होने का बहुत ज्यादा खतरा होता है.
3 कैसे फैलता है ये ?
H3N2 वायरस एक उत्तेजक वायरस है जो एक से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है। यह वायरस सामान्यतः संक्रमण के समय नाक और मुंह से फैलता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है या छींकता है, तो उसके नाक और मुंह से छोटे-छोटे बूंदें निकलती हैं जो वायरस से भरी होती हैं। अगर दूसरे व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित संपर्क में आता है, तो यह वायरस दूसरे व्यक्ति के श्वसन यंत्र तक पहुंच सकता है जो वायरस को फैलाने में मदद करता है।
इसलिए, H3N2 वायरस से बचने के लिए, आपको सामान्य स्वच्छता की देखभाल रखनी चाहिए, जैसे अपने हाथों को धोते रहना, लोगों से अधिक संपर्क से बचना, संक्रमित व्यक्ति के साथ नजदीकी संपर्क से बचना आदि। अगर आप संक्रमित हो जाते हैं, तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें और अपने आसपास के लोगों से अलग रहें ताकि आप उन्हें भी संक्रमित न करें।
4 क्या करें ?
-खांसते और छींकते समय मुँह और नाक को ढँक कर रखें।
-बार बार आँख,नाक और मुँह को छूने से बचना चाहिए।
-मास्क जरूर पहनना चाहिए।
-भीड़ भाड़ वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए।
-गुन गुना पानी पीना चाहिए और शरीर को गर्म रखना चाहिए।
-पर्याप्त आराम करना चाहिए।
-बुखार होने पर ठन्डे कपड़े से सेकने चाहिए।
5 क्या नहीं करें ?
-भीड़ भाड़ में जाने से बचें।
-हाथ मिलाने से बचें।
-सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें।
-डॉक्टर के सलाह के बिना दवाई ना लें।
6 क्या लक्षण हैं?
-बुखार या तापमान बढ़ना
-गले में खराश या दर्द
-नाक से पानी या नाक बहना
-ठंड लगना या शीतलता का अनुभव होना
-थकान या कमजोरी का अनुभव होना
-सिरदर्द या दर्द का अनुभव होना
-छाती में तकलीफ या सांस लेने में दिक्कत होना
-उल्टी या बेहोशी का अनुभव होना
-दस्त होना ,सांस लेने में तकलीफ होना
7 किस उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा है ?
H3N2 इंफ्लूएंजा के प्रभाव की आयु सीमा उम्र के साथ बदल सकती है। हालांकि, आमतौर पर, यह बच्चों और बूढ़ों को ज़्यादा प्रभावित करता है। बच्चों, वृद्धों और उम्रदराज लोगों को जोखिम ज़्यादा होता है। इस वायरस संक्रमण से बचाव के लिए, हम सभी को हाइज़ीन शॉट लगवाने की सलाह दी जाती है, खासतौर पर जिन लोगों की आयु 6 महीने से अधिक है या जो जीवन के अन्य क्षेत्रों में जोखिम में होते हैं।
8 क्या एक बार होने के बाद दुबारा हो सकता H3N2 है ?
एक बार एच 3एन 2 इंफेक्शन हो जाने के बाद दुबारा भी हो सकता है क्यों की यह हवा से फैलने वाली बीमारी है। इसीलिये सावधानी रखना बहुत जरुरी है ख़ास तौर पर उन्हें जिनकी इम्युनिटी कमजोर है।
9 कितना खतरनाक है H3N2 ?
हवा में मौजूद वायरस का मिक्सचर ,एच 3 एन 2 ,टाइप बी इन्फ्लुएंजा ,एडिनोवायरस और कोविद 19 तीनों संक्रमण को बढ़ा रहे हैं ये खतरनाक नहीं है, बल्कि ये सामान्य है। ‘इन्फ्लुएंजा वायरस बहाव के माध्यम से लगातार विकसित हो रहे हैं, जिससे म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) हो रहा है. यही कारण है कि हर साल वैक्सीन को सर्कुलेटिंग स्ट्रेन के लिए अपडेट किया जाता है. वर्तमान में फैल रहा स्ट्रेन H3N2 के लिए उत्तरी गोलार्ध के वैक्सीन घटक के समान हैं.’ भारत उत्तरी गोलार्ध के अंतर्गत आता है और यह सामान्य वायरस स्ट्रेन हैं जो पूरे गोलार्ध में फैला हुआ है
देशभर के डॉक्टर पिछले दो से तीन महीनों से फ्लू जैसी बीमारियों के मामले बढ़ने से थोड़े गंभीर हो गए हैं और कुछ मामलों में तो मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत होती है.

10क्या क्या सेवन कर सकते हैं ?
H3N2 के संक्रमण में कुछ जरुरी चीजें सेवन कर सकते हैं जैसे मुलेठी ,इससे इम्युनिटी मजबूत होती है.
मुलेठी में कैल्शियम ,सोडियम ,पोटैशियम,आयरन,जिंक,कॉपर ,फॉस्फोरस ,मैग्नीशियम,मैंगनीज ,सिलिकॉन,सेलेनियम,विटामिन्स जैसे बी 1 ,बी 2 ,बी 3 बी 5 ,इ और सी ,प्रोटीन ,फाइबर होता है। इससे खासी ,कफ ,गले की ख़राश का इलाज करते हैं।
औषधीय गुणों से भपूर तुलसी से ख़ासी ,कफ ,जुक़ाम ,बुख़ार से निज़ात मिलती है। इसके सेवन से बॉडी में जमा कफ पतला होकर बाहर निकालता है।
शहद के सेवन से भी ख़ासी ,सर्दी ,जुक़ाम में राहत मिलती है।