बारिश में कान की देखभाल करें इन 8 तरीकों से
मानसून में कान के संक्रमण के कारण (बारिश में कान की देखभाल )
बारिश में कान की देखभाल
मानसून का मौसम हमें हरे-भरे पेड़-पौधों, गर्मी की ठंडी छायाएँ और बारिश के मजेदार मौसम का आनंद उठाने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, इस समय में कान के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसे मौसमी कान संक्रमण कहा जाता है। यह एक आम समस्या है और इसके कई कारण हो सकते हैं। यदि हम इस समस्या को समझें, तो हम इसे नियंत्रण में रख सकते हैं। इस लेख में हम आपको मौसमी कान संक्रमण के कारणों के बारे में जानकारी देंगे।
बारिश का पानी:
बारिश के मौसम में अधिकतर लोग गीली जगहों पर जाते हैं और पानी में नहाते हैं। जब वर्षा का पानी कान में प्रवेश करता है, तो यह कान के अंदर नमी बनाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बढ़ी हुई नमी:
मानसून में वातावरण की बढ़ी हुई नमी भी कान के संक्रमण का कारण बन सकती है। यह नमी कान में आकर बैक्टीरिया और फंगस की वृद्धि को प्रोत्साहित करती है, जो संक्रमण का कारण बनती है।
कीटाणुओं का प्रवेश:
मॉनसून के मौसम में कीटाणुओं का प्रवेश भी कान के संक्रमण का मुख्य कारण हो सकता है। बारिश के दौरान भूमि और पानी में मौजूद कीटाणुओं को कान में प्रवेश करने का खतरा होता है, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
धूल और मिट्टी:
मानसून के मौसम में ज्यादातर जगहों पर धूल और मिट्टी का विसर्जन होता है। यह धूल और मिट्टी कान के अंदर चली जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
आरामदायक स्थानों की गंदगी:
मॉनसून में आरामदायक स्थानों की गंदगी भी कान के संक्रमण का कारण बन सकती है। यहां शामिल हैं बरसाती बर्फ, बंद कमरे, और अनाप-शनाप साफ़ सफाई। इन स्थानों पर बैक्टीरिया और फंगस का प्रवेश हो सकता है, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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मानसून में बैक्टीरियल कान का संक्रमण: लक्षण (बारिश में कान की देखभाल )
मॉनसून का मौसम आते ही हम सभी बरसात के आनंद का लुत्फ़ उठाने में लग जाते हैं। गर्मी के बाद मॉनसून एक सुखद मौसम लाता है, जिसमें धरती नई जीवनशक्ति से भर जाती है। लेकिन, इस मौसम में बैक्टीरियल कान का संक्रमण हो सकता है, जिसे आमतौर पर कान का संक्रमण भी कहा जाता है। यह एक आम समस्या है और कई लोगों को प्रभावित करती है। इसलिए, हमें बैक्टीरियल कान संक्रमण के लक्षणों को समझना आवश्यक है। यहां हम आपको मॉनसून में बैक्टीरियल कान संक्रमण के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं:
कान में दर्द: बैक्टीरियल कान संक्रमण के मुख्य लक्षण में से एक है कान में दर्द। यह दर्द आमतौर पर तेज होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। दर्द एक या दोनों कानों में महसूस हो सकता है और इसे छूने पर भी बढ़ सकता है।
कान के पास अवसाद: इंफेक्शन के कारण, कान के पास एक अवसाद की स्थिति बन सकती है। यह अवसाद कान के भीतर या उच्चतम स्तर में हो सकता है और इसके साथ दर्द और अस्वस्थता की भावना भी हो सकती है।
श्रवण कमी: अगर आपको अचानक श्रवण कमी का अनुभव हो रहा है, तो यह बैक्टीरियल कान संक्रमण का एक संकेत हो सकता है। आपको लग सकता है कि आप धीमे धीमे सुनते हैं, कुछ भीड़ या सुनाई नहीं देता है, या बार-बार कान में गूंज रही आवाज़ सुनाई देती है।
कान से पानी या रक्त की निकलना: इंफेक्शन के कारण, कान से पानी या रक्त की निकलने की स्थिति हो सकती है। यह निकलना अक्सर अस्थायी होता है और एक या दोनों कानों से हो सकता है।
कान में ज्यादा खुजली: बैक्टीरियल कान संक्रमण के दौरान, कान में ज्यादा खुजली हो सकती है। यह खुजली आपको परेशान कर सकती है और आपको इंफेक्शन के बारे में अधिक चिंता करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
मानसून में फंगल कान का संक्रमण: लक्षण
मॉनसून के मौसम में हमें हरे-भरे दृश्य, गर्मी की ठंडी छायाएँ और बारिश का आनंद लेने का लुत्फ़ उठाने का मौका मिलता है। हालांकि, इस समय फंगल कान संक्रमण की संभावना भी होती है, जिसे आमतौर पर कान की खमीरी संक्रमण भी कहा जाता है। यह एक आम समस्या है और अनेक लोगों को प्रभावित करती है। इसलिए, हमें मॉनसून में फंगल कान संक्रमण के लक्षणों को समझना आवश्यक होता है। यहां हम आपको फंगल कान संक्रमण के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं:
कान में खुजली: फंगल कान संक्रमण का प्रमुख लक्षण है कान में खुजली का अनुभव। यह खुजली आपको परेशान कर सकती है और आपको इंफेक्शन के बारे में ज्यादा चिंतित कर सकती है। खुजली आमतौर पर ज्यादा तेज होती है और कान के अंदर या परिधि में महसूस की जा सकती है।
कान की व्यवस्था में परिवर्तन: फंगल कान संक्रमण के कारण, कान की व्यवस्था में परिवर्तन हो सकता है। आपको लग सकता है कि आपके कान में सूखापन या उबलपन की भावना है, और आपको अस्वस्थता का अनुभव हो सकता है।
दर्द या असहजता: फंगल कान संक्रमण के साथ, कान में दर्द या असहजता का अनुभव हो सकता है। यह दर्द हल्का या तेज हो सकता है और एक या दोनों कानों में महसूस किया जा सकता है।
अवसाद या दर्पणता: फंगल कान संक्रमण के कारण, कान के पास अवसाद या दर्पणता की स्थिति भी हो सकती है। यह अवसाद कान के भीतर या उच्चतम स्तर में हो सकता है और इसके साथ दर्द और आंधोलितता की भावना भी हो सकती है।
कान से संक्रमण का प्रसार: फंगल कान संक्रमण के दौरान, संक्रमण की क्षमता आपके दूसरे कान या शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है। इसलिए, यदि आपको कान के इलावा अन्य शरीर के हिस्सों में भी किसी तरह की संक्रमण संकेत मिलते हैं, तो इसे ध्यान में रखें।
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बारिश में कान की देखभाल: इंफेक्शन से बचने के उपाय
कान को सुखा और स्वच्छ रखें: बारिश के बाद, यदि आपके कान में पानी चला जाए, तो उन्हें तुरंत सुखा लें। भीगे कान से पानी को निकालने के लिए आप एक सूखी और स्वच्छ रूमाल या टिश्यू का उपयोग कर सकते हैं। इससे बैक्टीरिया और वायरसों का विकास कम होगा।
न छूएं या खुजलाएं: यदि आपके कान में खुजली हो रही है, तो उन्हें न छूएं और न खुजलाएं। खुजलाने से इंफेक्शन और सूजन का खतरा बढ़ सकता है।
स्वच्छता बनाए रखें: कानों की सफाई का ध्यान रखें। नियमित रूप से अपने कानों को गर्म पानी और नमक के साथ साफ करें। यदि आपके पास किसी अनुपयोगी वस्त्र या ज्वालामुखी स्वाभाविक धार्मिक कार्यक्रम है, तो उन्हें यथासंभव इस मौसम में पहनने से बचें।
बच्चों को सतर्क रखें: बच्चों के लिए बारिशी मौसम में कान के संरक्षण की विशेष जरूरत होती है। उनकी जगह और अवसरों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें बारिशी दिनों में टोपी या ऊपरी वस्त्र पहनने का कहें। यह उनके कानों को नमी और इंफेक्शन से बचाने में मदद करेगा।
चिकित्सा परामर्श लें: यदि आपको लगता है कि आपके कानों में इंफेक्शन हो सकता है या आपके पास किसी भी सामान्य इंफेक्शन के लक्षण हैं, तो आपको तत्परता से एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपको सही और उचित इलाज सुझा सकते हैं।
गर्म खाद्य पदार्थ का सेवन करें: बारिश के मौसम में कानों की संरक्षा के लिए गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। आप हल्का गर्म चाय, कॉफ़ी, सूप या गर्म पानी पी सकते हैं। इससे आपके कान स्वस्थ रहेंगे और उनमें इंफेक्शन का खतरा कम होगा।
अदरक या नारियल के तेल का उपयोग करें: अदरक या नारियल के तेल का उपयोग करना कानों के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। आप इनका थोड़ा सा तेल गर्म करके कान में डाल सकते हैं और उसे एक-दो मिनट तक मालिश कर सकते हैं। यह तेल आपके कान की सुरक्षा करेगा और इंफेक्शन से बचाएगा।
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