What is Rabies in hindi- “कुत्ते के काटने के बाद क्या करें? रेबीज से बचाव की गाइड”
विषय सूची
परिचय- What is Rabies in hindi
What is Rabies in hindi? Rabies एक जानलेवा वायरल बीमारी है जो आमतौर पर मनुष्य एवं अन्य स्तनधारी को प्रभावित कर सकता है। यह बीमारी संक्रमित जानवर के काटने या खरोचने से फैलती है। अगर एक बार किसी भी व्यक्ति में रेबीज बीमारी के संकेत दिख जाते हैं तो यह बीमारी लगभग मौत का ही कारण बनती है।
अगर आप इस गंभीर बीमारी के बारे में सभी प्रकार की जानकारी जानना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़िए क्योंकि इस आर्टिकल के जरिए हम आपको what is rabies in hindi के बारे में सभी प्रकार की जानकारी बताएंगे जिससे आप इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
What is Rabies in hindi
Rabies एक खतरनाक बीमारी होती है जो आमतौर पर कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि जैसे जानवरों के काटने या खरोचने से फैलती है। इस बीमारी के होने का कारण एक वायरस होता है जिसका नाम है रेबीडो वायरस (Rabies Virus)। ये वायरस इंसानों के दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर करता है जिससे इंसानों की जान जा सकती है।
रेबीज नामक बीमारी किसी जानवर के काटने या खरोचने से तो फैलती ही है लेकिन इसके अलावा यह बीमारी किसी संक्रमित जानवर के लार (थूक) के इंसानी जख्म या आंख, नाक, मुंह में लगने से भी फैल जाती है, भारत में आमतौर पर यह बीमारी कुत्तों के काटने से देखी जाती है।
Rabies Kitne Din Me Hota Hai
रेबीज नामक बीमारी होने पर इसके लक्षण शरीर में पहुंचने में लगभग 1 सप्ताह से लेकर 3 महीने तक का समय लग सकता है। लेकिन यह बीमारी 5 महीने से लेकर 1 साल तक हो सकती है ये इस बात पर निर्भर करता है, कि काटने का स्थान शरीर में कहां पर है और वायरस कितनी तेजी से फैलता है।अब आप समझ गए होंगे Rabies Kitne Din Me Hota Hai.
अगर किसी भी संक्रमित जानवर के काटने पर वैक्सीन नहीं ली गई तो धीरे-धीरे यह आपके नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर देता है।काटने और लक्षण दिखना शुरू होने के बीच के समय को इन्क्यूबेशन पीरियड कहते हैं
Rabies Causes In hindi
रेबीज एक खतरनाक बीमारी है जो आमतौर पर रेबीज नामक वायरस Rhabdoviruses से फैलती है। ये वायरस संक्रमित जानवरों की लार से इंसानों में फैल जाता है। जब कोई संक्रमित जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली आदि किसी इंसान को काटते या खरोचते हैं तो उसकी लार व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाती है और वायरस जल्दी से फैल जाता है।
भारत में सबसे ज्यादा रेबीज बीमारी के मामले कुत्तों के काटने से देखे जाते हैं। खास तौर पर ऐसे आवारा कुत्ते जिन्हें टीका नहीं लगा होता है उनके काटने से इस बीमारी का खतरा होता है।तो चलिए अब हम Causes of Rabies in Hindi यानी रेबीज बीमारी के होने के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं।
- यदि कोई संक्रमित जानवर किसी इंसान को काट लेता है या फिर संक्रमित जानवर की लार इंसान के शरीर में पहुंच जाती है तो rabies बीमारी हो जाती है।
- अगर कोई संक्रमित जानवर किसी इंसान को खरोच मारता है तो भी बीमारी होने का खतरा होता है।
- किसी संक्रमित जानवर की लार अगर किसी खुले घाव, आंख या मुंह में लग जाए, तो भी रेबीज संक्रमण हो सकता है।
- भारत में कुत्तों के काटने से ज्यादातर रेबीज नामक बीमारी फैलती है लेकिन भारत के अलावा अन्य देशों में चमगादड़ के काटने से भी रेबीज नामक बीमारी फैलती है।
Rabies ke lakshan in hindi
तो चलिए अब हम Rabies ke lakshan in hindi यानी रेबीज बीमारी के होने के कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में जानते हैं।किसी भी व्यक्ति में रेबीज बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे पता चलते हैं, Rabies ke lakshan in hindi का पता चलने में लगभग एक हफ्ते से लेकर 3 महीने तक का समय लग सकता है। रेबीज बीमारी के प्रमुख लक्षण निम्न है।
- गुस्सा या बेचैनी
- उल्टी या घबराहट
- नींद न आना
- ज्यादा लार बहना
- अंत में बेहोशी और मौत
- तेज़ बुखार
- सिरदर्द
- जल से डर लगना (Hydrophobia)
- मांसपेशियों में ऐंठन आदि।
Rabies Ke Prakar
रेबीज एक जानलेवा वायरस जनित बीमारी है, जो आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने या खरोंच से फैलती है। यह मुख्य रूप से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र (nervous system) को प्रभावित करती है। रेबीज के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं:
1.उग्र रेबीज (Furious Rabies)
लक्षण:
- अत्यधिक उत्तेजना और चिड़चिड़ापन
- मानसिक भ्रम और मतिभ्रम (hallucinations)
- पानी से डर (Hydrophobia)
- हवा से डर (Aerophobia)
- निगलने में कठिनाई
- अधिक लार आना
- आक्रामकता और हिंसक व्यवहार
- दौरे पड़ना
क्या होता है इसमें?
इस प्रकार में वायरस सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है और व्यक्ति हिंसक या पागल जैसा व्यवहार करने लगता है, इसलिए इसे ‘उग्र’ रेबीज कहा जाता है।
2. मौन रेबीज या पक्षाघात रेबीज (Paralytic/Dumb Rabies)
यह प्रकार कम आम (लगभग 20%) है, लेकिन अक्सर इसकी पहचान नहीं हो पाती।
लक्षण:
- धीरे-धीरे शरीर में कमजोरी आने लगती है
- जिस जगह जानवर ने काटा वहां से शुरू होकर पूरा शरीर पक्षाघात होना
- न तो गुस्सा और न ही उत्तेजना
- व्यक्ति सामान्य या शांत दिखाई देता है
- धीरे-धीरे कोमा और फिर मृत्यु हो जाती है
क्या होता है इसमें?
यह रेबीज का शांत रूप है जिसमें मरीज़ आक्रामक नहीं होता, लेकिन अंदर ही अंदर मांसपेशियों में कमजोरी और तंत्रिका तंत्र का नाश होता जाता है।
उग्र और मौन रेबीज में अंतर – तुलना तालिका
विशेषता | उग्र रेबीज (Furious) | मौन रेबीज (Paralytic) |
---|---|---|
मामले (आंकड़ा) | लगभग 80% | लगभग 20% |
प्रारंभिक लक्षण | उत्तेजना, डर, आक्रामकता | कमजोरी, सुस्ती |
हाइड्रोफोबिया/एरोफोबिया | सामान्य रूप से पाया जाता है | नहीं पाया जाता या बहुत कम |
पक्षाघात | अंतिम चरण में होता है | शुरुआत में ही दिखता है |
व्यवहार | चिड़चिड़ा और हिंसक | शांत और सुस्त |
बीमारी की गति | तेज़ | धीमी |
परिणाम | लगभग हमेशा मृत्यु | लगभग हमेशा मृत्यु |
3. असामान्य या दुर्लभ रेबीज (Atypical Rabies)
बहुत ही दुर्लभ मामलों में रेबीज ऐसे लक्षणों के साथ भी सामने आ सकता है जो आम तौर पर इसके लिए नहीं माने जाते, जैसे –
- पेट दर्द
- मानसिक रोग जैसे लक्षण
- बुखार
- भ्रम की स्थिति
ये लक्षण भ्रमित कर सकते हैं और समय पर इलाज में देरी हो सकती है।
Rabies Diagnosis In Hindi
रेबीज बीमारी का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन इसके लक्षणों को देखकर रेबीज बीमारी का पता लगाया जा सकता है, रेबीज बीमारी के लक्षण भी तभी पता चलते हैं जब यह बीमारी गंभीर रूप से फैल चुकी होती है। इसलिए डॉक्टर के द्वारा रेबीज बीमारी के जांच के लिए लक्षणों और किसी जानवर के काटने आदि जैसे मामलों पर खास तौर पर ध्यान दिया जाता है।
तो चलिए अब हम Rabies diagnosis in hindi के बारे में जानते हैं।
Clinical Observation
अगर आपको किसी भी संक्रमित जानवर ने काटा है तो आप अगर डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले मरीज के लक्षणों की जांच करते हैं जैसे बुखार, बेचैनी, हाइड्रोफोबिया, अधिक लार बहना आदि जैसे लक्षण इसके साथ-साथ ही डॉक्टर यह भी पूछते हैं कि क्या मरीज को हाल ही में किसी जानवर ने काटा या खरोचा है।
Medical observation
अगर मरीज हाल ही में किसी जानवर से संपर्क में आया हो खास तौर पर कुत्ते, बिल्ली आदि जैसे जानवर के पास तो यह जानकारी डॉक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि जानवर के काटने की तारीख, शरीर का स्थान और काटने के बाद क्या इलाज हुआ है ये सब जानकारी डॉक्टर के द्वारा ली जाती है तभी इसका इलाज संभव है।
Lab Tests
डॉक्टर के द्वारा कुछ मामलों में रेबीज वायरस की पहचान करने के लिए कुछ विशेष जांच भी किए जाते है जैसे सलाइवा टेस्ट, सीएसएफ टेस्ट, त्वचा की बायोप्सी, ब्लड टेस्ट या ब्रेन स्कैन आदि। तो चलिए अब हम इन सभी टेस्ट के बारे में जानते हैं।
- सलाइवा (Saliva) टेस्ट में वायरस की उपस्थिति की जांच के लिए बीमार व्यक्ति के मुंह के लार की जांच की जाती है।
- सीएसएफ (CSF) टेस्ट के द्वारा रीड की हड्डी की अच्छी तरह जांच की जाती है ताकि बीमारी का स्पष्ट रूप से पता चल सके।
- त्वचा की बायोप्सी की जाती है जिसमे गर्दन की त्वचा से सैंपल लेकर जांच होती है।
- इसके अलावा रोग की गंभीरता को समझने के लिए ब्लड टेस्ट और ब्रेन स्कैन आदि जैसे जांच भी किए जाते हैं।
Rabies Treatment In Hindi
रेबीज एक बहुत खतरनाक और जानलेवा बीमारी होती है, लेकिन जब एक बार इसके लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं तो यह इलाज करने योग्य नहीं होती है इसलिए जैसे ही जानवर काटे या खरोचे वैसे ही वैक्सीन लेकर रेबीज बीमारी से खुद को बचाया जा सकता है।
तो चलिए हम आपको Rabies Treatment In Hindi बारे में बताने वाले हैं जिसके जरिए रेबीज बीमारी होने पर आप अपने आप को बचा सकते हैं।
Rabies Treatment In Hindi – Post Exposure Prophylaxis
- अगर कोई जानवर आपको काटे तो सबसे पहले ये करना होता है कि आपको घाव को तुरंत 15 से 20 मिनट तक साबुन और साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए ये वायरस को निकालने में मदद करता है।
- उसके बाद डॉक्टर के पास तुरंत जाकर जानवर के काटे जाने वाले स्थान को दिखाएं जिससे डॉक्टर घाव की गंभीरता के हिसाब से आपका इलाज करेंगे।
- किसी भी संक्रमित जानवर के काटने के बाद मरीज को रेबीज ARV नामक वैक्सीन दी जाती है ये टीका वायरस को शरीर में फैलने से रोक देता है। यह वैक्सीन कुल पांच इंजेक्शन में दी जाती है जो आपको 0, 3, 7, 14 और 28 दिन के अंतराल में मिलती है।(WHO के अनुसार)
- अगर जानवर के काटने का घाव ज्यादा गहरा है तो वैक्सीन के साथ-साथ रेबीज इम्यूनोग्लोबिन इंजेक्शन भी आपको दिया जाता है जो वायरस के खिलाफ तुरंत सुरक्षा देता है।
एक बार अगर रेबीज का लक्षण दिखने लगता है तो उसके बाद लगभग इलाज असंभव हो जाता है इसलिए बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है अगर किसी जानवर ने आपको काटा या खरोचा है तो उसे हल्के में नहीं ले तुरंत जाकर वैक्सीन ले।
Rabies Se Bachav Ke Upay
जैसा कि आपको पता है रेबीज एक जानलेवा बीमारी होती है जो आमतौर पर संक्रमित जानवर जैसे कुत्ते, बिल्ली आदि के काटने या खरोचने से फैलती है इसलिए इसका कोई पक्का इलाज नहीं होता है लेकिन सावधानी और समय पर वैक्सीन लेकर इससे पूरी तरह से बचा जा सकता है।
इससे बचने के लिए आपको निम्न प्रकार के Rabies Se Bachav Ke Upay करने चाहिए।
- अगर आपके आसपास कोई पालतू कुत्ता या बिल्ली रहता है तो उन्हें हर साल रेबीज वैक्सीन जरूर लगाए यह न केवल आपका पालतू जानवर को सुरक्षित रखता है बल्कि इससे आपका पूरा परिवार सुरक्षित रह सकता है।
- सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्ते या बिल्लियों से दूरी बनाए रखें ऐसे जानवर कभी भी काट सकते हैं खासकर अगर वह बीमार या गुस्से में हो।
- अगर आपको किसी भी प्रकार के संक्रमित जानवर ने काट लिया या खरोच लिया है तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
- जानवरों के साथ मिलकर काम करने या रेबीज की प्रयोगशाला में काम करने के लिए रेबीज वैक्सीन लेकर काम करें।
- जंगली जानवरों के संपर्क में आने से खास तौर पर बचकर रहे।
इन सभी बातों के अलावा रेबीज नामक बीमारी से बचने के लिए टीकाकरण भी किया जाता है आप टीकाकरण के डोज लेकर खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए मैं आपको बता दूं कि रेबीज एक्स्पोज़र होने से पहले प्री एक्स्पोज़र रेबीज वैक्सीन लगाई जाती है जिसकी खुराक तीन बार होती है। इस वैक्सीन की प्री पहली खुराक उचित समय पर मिलती है उसके बाद यह 7 दिन बाद मिलती है। अंत में ये खुराक पहले वैक्सीन के 21 या 28 दिन बाद मिलती है।
ये भी पढ़ें: Thyroid Red Light Therapy in Hindi: थायरॉइड होने पर रेड लाइट थेरेपी कितनी फायदेमंद
वेरीफाईड बाई डॉक्टर नरेन्द्र ठाकुर M.B.B.S
निष्कर्ष- What is Rabies in hindi
ये बीमारी एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसलिए आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको मुख्य रूप से what is rabies in hindi और रेबीज बीमारी से संबंधित अन्य जानकारी विस्तार पूर्वक बताई है।
समझदारी, सतर्कता और समय पर कार्रवाई से हम इस खतरनाक बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। “रेबीज जानलेवा जरूर है, लेकिन जागरूकता से बचाव मुमकिन है।”
क्या रेबीज से बचाव के लिए टीका (वैक्सीन) उपलब्ध है?
हां, रेबीज से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है। इसे काटने के बाद Post Exposure Prophylaxis (PEP) के रूप में दिया जाता है। कुछ खास मामलों में काटने से पहले भी Pre Exposure Prophylaxis (PrEP) दी जा सकती है।
क्या रेबीज 100% जानलेवा है?
हां, एक बार लक्षण शुरू हो जाने के बाद रेबीज लगभग 100% जानलेवा होता है।
क्या रेबीज वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट होते हैं?
हल्के बुखार, सिर दर्द, सूजन या इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है।
यह लेख What is Rabies in hindi केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। रेबीज या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से संबंधित लक्षणों या स्थितियों में तुरंत योग्य डॉक्टर के पास जाएँ। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग स्वयं इलाज के लिए न करें।