Kidney Stone Bina Operation Ilaj: URSL, ESWL, लेज़र और PCNL तकनीक की पूरी जानकारी
विषय सूची
परिचय
किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी आज के समय में एक आम लेकिन परेशान करने वाले समस्या हो चुकी है यह मूत्र में मौजूद खनिज और लवण से बनती है पहले इसके इलाज के लिए बड़े ऑपरेशन की जरूरत होती थी, लेकिन अब Kidney Stone Bina Operation Ilaj के लिए कई तरह की आधुनिक तकनीक उपलब्ध हो चुकी है जिससे इलाज सुरक्षित और कम दर्द वाला हो गया है।
आज के समय के बदलते जीवन शैली में कम पानी पीना ज्यादा नमक और प्रोटीन खाना फास्ट फूड और आनुवांशिक कारण से इस समस्या का बढ़ना देखा जाता है। छोटी पथरी दबाव और घरेलू तरीके से आसानी से निकल सकती है लेकिन बड़ी पथरी के लिए URSL, ESWL, लेज़र और PCNL जैसे आधुनिक इलाज काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
तो चलिए अब हम आपको Kidney Stone Bina Operation Ilaj के बारे में संपूर्ण जानकारी बताते हैं जिससे आपको बिना ऑपरेशन के किडनी स्टोन के इलाज के बारे में पता चलेगा।
Kidney Stone Kya Hota Hai
किसी भी व्यक्ति के शरीर में किडनी स्टोन तभी बनती है जब मूत्र में मौजूद खनिज और लवण सही तरीके से घुल नहीं पाते हैं और छोटे-छोटे क्रिस्टल बनाकर जमा हो जाते हैं। ये क्रिस्टल धीरे-धीरे कठोर पत्थर का रूप ले लेती है। किडनी स्टोन गुर्दे, मूत्र वाहिनी या मूत्राशय में कहीं भी हो सकता है।
Kidney stone Kya Hota Hai इसके बारे में जानकारी आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली परिभाषा से स्पष्ट रूप से तो पता चल ही गई होगी। अगर फिर भी आपको इसमें कोई समस्या है तो हम आपके लिए एक साधारण वाक्य में किडनी स्टोन के बारे में बताते हैं, किडनी स्टोन एक तरह का कठोर पत्थर होता है, जो खनिज और लवण के मूत्र में सही तरीके से ना घुलने के कारण क्रिस्टल के रूप में बन जाता है और बाद में कठोर पत्थर का रूप लेता है।
Kidney Stone Banne Ka Karan
आमतौर पर कम पानी पीना पालक, चाय या चॉकलेट ज्यादा खाना नमक का प्रोटीन का अधिक सेवन करना मोटापा आदि जैसे लक्षणों को Kidney Stone Banne Ka Karan कहा जाता है। लेकिन सभी व्यक्ति के बॉडी में Kidney Stone Banne Ka Karan अलग-अलग हो सकता है तो चलिए हम आपको कुछ बिंदुओं के द्वारा इन सभी कारण के बारे मे बताते है।
- बहुत कम मात्रा में पानी पीना इसका कारण हो सकता है।
- ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चाय या चॉकलेट आवश्यकता से अधिक खाना।
- नमक और प्रोटीन का ज्यादा मात्रा में सेवन करना।
- पारिवारिक इतिहास में कभी किसी को किडनी स्टोन की बीमारी हुई हो तो भविष्य में आपको भी हो सकती है।
- मोटापा होने के कारण भी किडनी स्टोन की बीमारियां होती है या फिर अगर आप कम शारीरिक गतिविधि करते हैं तो भी किडनी स्टोन हो सकता है।
Kidney Stone Banne Ke Lakshan
आमतौर पर पीठ या पेट में तेज दर्द होना, पेशाब करने में जलन या खून आना, बार-बार पेशाब आना, उल्टी जैसा मन होना, पेशाब का बदबूदार होना आदि जैसे लक्षण Kidney Stone Banne Ke Lakshan हो सकते हैं। तो चलिए अब हम थोड़ा विस्तार पूर्वक कुछ बिंदुओं के द्वारा आपको किडनी स्टोन बनने के लक्षणों को बताते हैं।
- पेशाब के दौरान खून आना
- पेट के निचले हिस्से या जांघों में दर्द होना
- पेशाब का रंग धुंधला या फिर उससे ज्यादा मात्रा में दुर्गंध आना
- पेशाब रुक रुक कर आना
- ठंड लगना या बुखार आना
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब करते वक्त जलन होना
- उल्टी जैसा बार-बार मन होना
Kidney Stone Bina Operation Ilaj
किडनी स्टोन बीमारी होने पर बिना सर्जरी किए Kidney Stone Bina Operation Ilaj होना संभव है इसके लिए कुछ मुख्य आधुनिक तकनीक आज के समय में उपलब्ध है।
URSL Surgery In Hindi
Kidney Stone Bina Operation Ilaj में URSL (Ureteroscopic Lithotripsy) एक ऐसी तकनीक होती है जिसमें एक पतली ट्यूब कैमरे के साथ मूत्र मार्ग से पथरी तक पहुंचाई जाती है। यह एंडोस्कोपी पर आधारित तकनीक होती है। इस प्रक्रिया के दौरान लेजर की मदद से पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है और यह पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं।
URSL Surgery Kaise Karte Hain
किडनी स्टोन निकालने की इस प्रक्रिया में सर्जरी के दौरान रोगी को सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाता है।
- डॉक्टर ureteroscope के माध्यम से मूत्र मार्ग की जांच करते है।
- जैसे ही वहां किडनी स्टोन दिखता है वैसे ही लेजर से उसे बारीक टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है।
- कुछ टुकड़े को बाहर निकाल दिए जाते हैं और बाकी टुकड़े पेशाब के साथ बाहर आ जाते हैं।
- कभी-कभी डबल जे स्टैंड लगाया जाता है जिससे टुकड़े आसानी से निकाला जा सके।
URSL Ke Fayade Kya Hai
अगर किडनी स्टोन निकालने की प्रक्रिया के फायदे के बारे में बात की जाए तो आपको इससे निम्न प्रकार के फायदे मिलते हैं।
- इस प्रक्रिया के द्वारा किडनी स्टोन निकालने में आपको बड़े cut के बिना इलाज किया जाता है। इसमें सिर्फ एंडोस्कोपी के जरिए स्टोन तक पहुंचा जाता है।
- यह सबसे तेज और प्रभावशाली तरीका होता है जो अधिकांश मामलों में पत्थर तोड़कर तुरंत हटा दिया जाता है जिससे रोगी को जल्दी आराम मिल जाता है।
- इस प्रक्रिया में कम दर्द होता है जिससे सर्जरी के बाद आपको बड़े घाव नहीं होते हैं।
- URSL सर्जरी में मरीज को 24 से 48 घंटे की सामान्य दिनचर्या का हीं रिकवरी टाइम लगता है।
- ज्यादातर मामलों में मरीज को उसी दिन या अगले दिन डिस्चार्ज मिल जाता है।
- किडनी स्टोन में हर साइज के पत्थरों पर यह तरीका असरदार साबित होता है चाहे छोटा, मध्यम या बड़े पत्थर हो हर तरह के पत्थरों के इलाज में इसका उपयोग किया जा सकता है। यह तरीका खास तौर पर मिडिल स्टोन 5–15mm के लिए बेस्ट है।
- इस तरीके में खून बहने का खतरा कम होता है क्योंकि इसमें उत्तकों की कटाई कम होती है।
- एंडोस्कोपिक कैमरे के जरिए डॉक्टर इस प्रक्रिया में पत्थर की लोकेशन को लाइव देख सकते हैं और बिल्कुल सटीकता से तोड़ देते हैं।
- जरूरत पड़ने पर लेजर लिथोट्रिप्ससी जैसी अन्य तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सही तरीके से अगर इस प्रक्रिया से इलाज किया जाए तो किडनी को कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है।
- किडनी स्टोन पूरी तरह से हट जाने के बाद दोबारा इलाज होने की संभावनाएं कम होती है।
- यह विशेष रूप से माइक्रो यूरिटोस्कोप के कारण पतले यूरेटर में भी की जा सकती है।
URSL Ke Side Effects
अब हम आपको URSL Ke Side Effects के बारे में कुछ बिंदुओं के जरिए बताते हैं।
- पेशाब करते समय जलन या हल्का दर्द कुछ दिनों तक महसूस हो सकता है।
- इस प्रक्रिया के 1 से 2 दिन तक पेशाब में हल्का गुलाबी रंग या फिर लाल रंग का खून (Hematuria) आ सकता है।
- एंडोस्कोपी डालने से यूरेटर में अस्थाई सूजन भी हो सकती है।
- इस प्रक्रिया के होने के बाद आपको कुछ समय तक बार-बार पेशाब की इच्छा हो सकती है।
- अगर इस प्रक्रिया के होने के बाद यूरेटर स्टैट लगाया जाता है तो आपको पेशाब करने के दौरान जलाने का पेट या पेट में भी हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
- इस प्रक्रिया के बाद मूत्र मार्ग में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है इसके लिए एंटीबायोटिक से रोका जा सकता है।
- एंडोस्कोपी डालते समय यूरेटर को हल्की चोट लग सकती है।
- बहुत कम मामलों में खास तौर पर जब बड़ा किडनी स्टोन हो तब यूरेटर फटने का खतरा हो सकता है।
- कुछ मरीजों को तो स्टैंट रहने के दौरान लगातार हल्की चुभन या दर्द महसूस होती है।
- कभी-कभी पत्थर पूरी तरह से नहीं निकल पाता है इस कारण दूसरा सत्र करना पड़ जाता है।
- अगर इंफेक्शन हो जाता है तो हल्का बुखार भी आ सकता है।
- आपकी किडनी में अस्थाई रूप से सूजन (Hydronephrosis) होने का भी खतरा हो जाता है जिस समय पर इलाज से ठीक किया जा सकता है।
Shock Wave Lithotripsy in Hindi
Kidney Stone Bina Operation Ilaj में Shock Wave Lithotripsy एक प्रकार का नॉन सर्जिकल तकनीक होता है जिसमें शरीर के बाहर से शॉक वेव भेज कर पथरी को तोड़ा जाता है।
Shock Wave lithotripsy Procedure In Hindi
इस प्रक्रिया के दौरान पेशेंट को एक मशीन पर लेटाया जाता है, जिसमें एक-रे या अल्ट्रासाउंड के माध्यम से किडनी में पथरी की स्थिति पता की जाती है। उसके बाद मशीन के जरिए शॉक वेव भेज कर पथरी को तोड़ा जाता है, इसके बाद किडनी स्टोन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर पेशाब के जरिए बाहर आ जाती है।
ESWl Surgery Ke Fayade
- बिना किसी ऑपरेशन के इसमें इलाज किया जाता है ।
- इस प्रक्रिया के दौरान या बाद में बहुत कम दर्द होता है।
- सामान्य रूप से हल्की बेहोशी ही इस प्रक्रिया के लिए पर्याप्त है।
- मरीज को अक्सर 24 से 48 घंटे तेज रिकवरी में लगते हैं।
- ज्यादातर मरीजों को इलाज के दिन ही अस्पताल से डिस्चार्ज मिल जाता है।
- यह तरीका एक प्रकार का नों इनवेसिव तरीका होता है जिस कारण इसमें संक्रमण का खतरा कम होता है।
- कई प्रकार किडनी स्टोन पर एक साथ असरदार साबित होता है।
- इस प्रक्रिया के द्वारा प्राकृतिक रूप से किडनी स्टोन निकलते हैं।
- बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक के लिए हर उम्र के लिए यह तरीका सुरक्षित है लेकिन डॉक्टर के सलाह जरूरी है।
- शरीर के अंदर किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं की जाती है जिस कारण खून बहने का खतरा कम रहता है।
- इस प्रक्रिया से छोटे और मध्यम आकार के किडनी स्टोन को आराम से निकाला जा सकता है।
- अन्य सर्जरी के ऑप्शन की तुलना में ये प्रक्रिया काफी सस्ती है।
ESWL Surgery Ke Nuksan
Kidney Stone Bina Operation Ilaj के सभी तरीकों में एक तरीका ESWL Surgery का भी होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सर्जरी से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं तो चलिए हम आपको ESWL Surgery Ke Nuksan के बारे में कुछ points से बताते हैं।
- ये प्रक्रिया में बड़े या कठोर लगभग 2 cm किडनी स्टोन पर कम असरदार होती है।
- कुछ मामलों में किडनी स्टोन को पूरी तरह तोड़ने के लिए दो से तीन बार प्रक्रिया को करना होता है।
- इस प्रक्रिया के दौरान टूटे हुए टुकड़े ureter मैं फंसकर ब्लॉकेज भी कर सकते हैं।
- इस प्रक्रिया के कुछ दिनों बाद पेशाब लाल या गुलाबी रंग का हो सकता है।
- शॉक वेव्स के कारण पीठ या पेट में हल्का दर्द हो सकता है।
- किडनी स्टोन टूटने के बाद मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन का खतरा होता है।
- तेज वेव्स के कारण किडनी में हल्की सूजन हो सकती है।
- अत्यधिक कठोर प्रकार के किडनी स्टोन इस प्रक्रिया में नहीं टूटते हैं।
- पथरी बनने का खतरा हो सकता है अगर खान-पान या जीवन शैली में बदलाव नहीं किया गया तो।
- गर्भ में शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए या प्रक्रिया गर्भावस्था में नहीं की जाती है।
- कभी-कभी शॉक वेव्स पास की हड्डी या मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- इस प्रक्रिया के बाद यह दौरान कुछ पेशेंट के ब्लड प्रेशर में बदलाव देखा जाता है।
Laser Treatment Of Kidney Stone In Hindi
लेजर ट्रीटमेंट एक प्रकार का URSL का ही एडवांस वर्जन होता है जिसमें Holmium लेजर का प्रयोग किया जाता है और इसे डस्टिंग तकनीक भी कहते हैं।
Laser Se Kidney Stone Ilaj Ka Tarika
बहुत से लोगों को समझ में नहीं आता है की लेजर तकनीक से किस प्रकार किडनी स्टोन निकाला जाता है तो हम आपको Laser Se Kidney Stone Ilaj Ka Tarika बताने जा रहे हैं एंडोस्कोपी के माध्यम से लेजर फाइबर किडनी स्टोन तक पहुंचाया जाता है। किडनी स्टोन को बारीक पाउडर की तरह इस प्रक्रिया में पीस दिया जाता है जिससे या पाउडर बिना किसी रूकावट के पेशाब के माध्यम से निकल जाता है।
Laser Se Kidney Stone Ilaj Ka Fayada
लेजर प्रक्रिया से किडनी स्टोन निकालने के बाद आपको Laser Se Kidney Stone Ilaj Ka Fayada क्या मिलेगा इसे हम आपको कुछ बिंदुओं के जरिए बताते हैं।
- Kidney stone छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल जाएंगे जिससे जल्दी राहत मिलेगी।
- चाहे पत्थर कठोर हो या बड़ा लेजर तकनीक हमेशा प्रभावी रहती है।
- बिना किसी बड़े सर्जरी के एंडोस्कोपी के जरिए ये प्रक्रिया की जाती है।
- इस प्रक्रिया के बाद बहुत कम दर्द या असुविधा जैसी समस्या होती है।
- लेजर प्रक्रिया में ऊर्जा के जरिए स्टोन तोड़ने में आसपास के उत्तकों को कम से कम नुकसान होता है जिससे ना के बराबर खून जाता है।
- ज्यादातर मामलों में किडनी स्टोन एक ही बार में हटा दिया जाता है।
- पेशेंट को इस प्रक्रिया में 24 से 48 घंटे के अंदर रिकवरी मिल जाती है।
- किडनी स्टोन के महीन टुकड़ों के दोबारा बनने का खतरा कम रहता है।
- सही तकनीक से किडनी को कोई नुकसान नहीं होता है।
- इस प्रक्रिया से दो से तीन सेंटीमीटर के बड़े पत्थरों को आसानी से निकाला जा सकता है।
- जरूरत पड़ने पर यूरिकेटर स्टेंट आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये ट्रीटमेंट सुरक्षित।
Laser Se Kidney Stone Ilaj Ka Nuksan
Kidney Stone Bina Operation Ilaj के तरीकों में Laser Se Kidney Stone Ilaj Ka Nuksan क्या हो सकते हैं इसे हम आपको कुछ बिंदुओ से बताते हैं।
- इस प्रक्रिया में मिनिमल इनवेसिव होता है फिर भी इसमें एंडोस्कोपी डालना पड़ता है।
- आमतौर पर एनेस्थीसिया की जरूरत जनरल या स्पाइनल एनेस्थीसिया में देना पड़ता है।
- इस लेजर प्रक्रिया के बाद मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।
- लेजर सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक पेशाब में आपको हल्का खून आ सकता है।
- आपको इस प्रक्रिया में एंडोस्कोपी डालते समय यूरेटर में चोट हो सकती है।
- कुछ मामलों में यूरिटर फटने की संभावना भी होती है।
- अगर स्टेंट लगाया जाए तो आपको पेशाब करने के दौरान जलन या बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- एक बार अगर इंफेक्शन फैल जाए तो बुखार या ठंड लगना जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
- आपको रिकवरी के दौरान 1 से 2 दिन तक चलने फिरने में हल्की परेशानी हो सकती है।
- साधारण दवा से इलाज की तुलना में यह तकनीक महंगी हो सकती है।
- इस तकनीक से कुछ मामलों में किडनी स्टोन में छोटे पत्थर के टुकड़े रह सकते हैं जो बाद में दिक्कत दे सकते हैं।
- हालांकि हर अस्पताल में लेजर ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है।
PCNL Surgery In Hindi
Kidney Stone Bina Operation Ilaj सर्जरी की इस तकनीक को बड़ी कठोर या स्टेट हॉर्न किडनी पथरी के लिए प्रयोग किया जाती है। PCNL Surgery मैं पीठ पर एक छोटा सा कट देकर सीधे गुर्दे यानी किडनी से पथरी निकाल दी जाती है।
PCNL Surgery Kaise Karte Hain
इस तरह की सर्जरी के दौरान रोगी को एनेस्थीसिया दिया जाता है, और फिर इलाज किया जाता है लेकिन फिर भी लोगों के मन में सवाल होते हैं PCNL Surgery Kaise Karte Hain तो चलिए हम आपको बताते हैं।
सबसे पहले रोगी को सामान एनेस्थीसिया दिया जाता है उसके बाद उसकी पीठ पर एक से एक पॉइंट पांच सेंटीमीटर का बहुत छोटा सा कट लगाया जाता है। फिर एक ट्यूब और कैमरा को किडनी में उपकरण के मदद से डाला जाता है और विशेष उपकरण से पथरी को तोड़कर बाहर निकाल दिया जाता है।
PCNL Surgery Ke Fayade
इस PCNL Surgery को करवाने से पहले बहुत से लोग PCNL Surgery Ke Fayade जानना चाहते हैं जो इस प्रकार है।
- 2 सेंटीमीटर से बड़े किडनी स्टोन के लिए ये सबसे सफल तकनीक है।
- किडनी स्टोन को पूरी तरह से निकलने की संभावना बहुत अधिक होती है।
- इसमें ज्यादातर मामलों में दूसरी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है।
- किडनी स्टोन के प्रकार पर भी असरदार साबित होता है जैसे कठोर, कैल्शियम ऑक्सीलेट या अन्य प्रकार किडनी स्टोन होने पर भी यह प्रक्रिया काम करता है।
- इस प्रक्रिया के द्वारा किडनी स्टोन निकालने के बाद किडनी स्टोन का खतरा खत्म हो जाता है।
- अगर किडनी स्टोन को पूरी तरह से हटा दिया जाता है तो दोबारा पत्थर बनने का खतरा कम जाता है।
- किडनी स्टोन तक सीधे पहुंचने के कारण स्टोन टूटने और निकालने की प्रक्रिया तेज होती है।
- बड़े किडनी स्टोन के कारण होने वाले पेशाब रुकने या दर्द की समस्या तुरंत दूर हो जाती है।
- बेहतर विजुअल और प्रेसीजन से सर्जरी की सुरक्षा में सफलता मिलती है।
- बड़े किडनी स्टोन हटाने के बाद लंबे समय तक किडनी स्टोन की समस्या नहीं होती है अगर डाइट और जीवन शैली सही तरीके से नियंत्रित हो तो।
PCNL Surgery Ke Nuksan
अगर आप PCNL Surgery कराने वाले है तो PCNL Surgery Ke Nuksan को एक बार जरूर पढ़ें।
- पीठ पर लगभग 1 सेंटीमीटर का cut अगर किया जाता है तो उसे रिकवरी में काफी समय लगेगा।
- जनरल एनेस्थीसिया के तहत या सर्जरी होती है इसलिए ये कुछ पेशेंट के लिए खतरनाक भी हो सकता है।
- इस प्रक्रिया के दौरान या बाद में खून बहने की संभावनाएं होती हैं।
- सर्जरी के बाद मूत्र मार्ग में इन्फेक्शन या किडनी में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
- उपकरण का इस्तेमाल करते समय किडनी के उत्तकों में गंभीर चोट भी लग सकती है।
- कुछ दिनों तक पेशाब में आपको खून दिखाई दे सकता है।
- अगर इंफेक्शन होता है तो बुखार और ठंड लगे जैसे लक्षण हो सकते हैं।
- पास के अंग जैसे लीवर, आंत आदि में चोट लगने का खतरा हो सकता है।
- रिकवरी के दौरान ट्यूब की वजह से असहजता महसूस हो सकती है।
- आमतौर पर 1 से 2 हफ्तों का आराम रिकवरी के लिए पर्याप्त है।
- अन्य तकनीकों की तुलना में यह इलाज ज्यादा महंगा हो सकता है।
इलाज | तकनीक | पथरी का आकार | लागत (₹) | रिकवरी समय | उपयुक्त स्थिति | चीरा |
---|---|---|---|---|---|---|
URSL | एंडोस्कोप + लेज़र | 5-15mm | ₹40,000-₹80,000 | 1-2 दिन | सामान्य पथरी | ❌ |
ESWL | बाहरी शॉक वेव्स | <10mm | ₹25,000-₹60,000 | 1-2 दिन | छोटी पथरी | ❌ |
लेज़र | URSL + Holmium Laser | 5-20mm | ₹60,000-₹1,20,000 | 1-2 दिन | सभी आकार की पथरी | ❌ |
PCNL | मिनी-सर्जरी | >15mm | ₹70,000-₹1,50,000 | 3-5 दिन | बड़ी और स्टैगहॉर्न पथरी | ✔️ |
मरीजों के अनुभव (Case Studies)
- राहुल, 35 वर्ष (दिल्ली):
“मेरी पथरी 13mm की थी, डॉक्टर ने URSL सलाह दी। इलाज painless था और मैं दो दिन में वापस ऑफिस चला गया।” - सीमा, 42 वर्ष (मुंबई):
“मेरे पास समय नहीं था, ESWL से पथरी का इलाज हुआ और मैं उसी दिन घर आ गई।” - मनोज, 55 वर्ष (भोपाल):
“मेरी 22mm की पथरी थी। PCNL से एक ही बार में हट गई। इलाज तो सफल रहा, पर दो दिन हॉस्पिटल में रहना पड़ा।”
किडनी स्टोन से बचाव के लिए 10 जरूरी बातें
आपको किडनी स्टोन से बचाव के लिए 10 जरूरी बातें माननी बहुत जरूरी हो जाती है जो इस प्रकार है।
- रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी पीना चाहिए।
- ऑक्सलेट युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए।
- नमक और रेड मीट कम खाना चाहिए।
- फिजिकल एक्टिविटी रोजाना करनी चाहिए।
- नींबू पानी और नारियल पानी को भी पीना चाहिए।
- समय-समय पर सोनोग्राफी या यूरिन टेस्ट करवाना चाहिए।
- फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक बहुत कम मात्रा में पीना चाहिए।
- पेशाब को कभी रोककर ना रखें।
- अगर आपके परिवार में किसी को भी पथरी हो तो सावधानी रखें।
- गर्मी के मौसम में खास तौर पर अधिक मात्रा में पानी पिए।
निष्कर्ष- Kidney Stone Bina Operation Ilaj
आज के समय में Kidney Stone Bina Operation Ilaj करना पूरी तरह से संभव है।URSL, ESWL, लेज़र और PCNL जैसी तकनीकें इस इलाज को और भी तेज सुरक्षित और दर्द रहित बनाती है। समय पर इलाज करने से किडनी स्टोन और उससे जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं से बचाव किया जा सकता है।उम्मीद करती हूं हमारे द्वारा दी जाने वाली जानकारी के द्वारा आपको Kidney Stone Bina Operation Ilaj करने में मदद मिलेगी।
FAQs- kidney Stone Bina Operation Ilaj
URSL में कितना समय लगता है?
सामान्यतः 30-60 मिनट का समय लगता है, लेकिन यह स्टोन के साइज और लोकेशन पर निर्भर करता है।
क्या URSL में टांके लगते हैं?
नहीं, इसमें किसी प्रकार का कट या टांका नहीं लगता।