KFT Test Hindi Me Jankari | Kidney Test Kyo Kiya Jata Hai
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KFT Test Hindi Me Jankari
आज हम आपको इस लेख में KFT Test Hindi Me Jankari देने वाले है। KFT Test को हम हिंदी में किडनी फंक्शन टेस्ट के नाम से भी जानते है। यह एक प्रकार की मेडिकल जांच है। यह जांच किडनी को समझने के लिए की जाती है। इस जाँच में ब्लड और यूरिन की बहुत सी जाँचों का समूह होता है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि किडनी सही से काम कर रही है या नहीं।
हमारी किडनी शरीर से सभी गंदे पदार्थों को बाहर निकालने, पानी का संतुलन बनाए रखने का काम करती है। अगर किडनी में किसी भी तरह की खराबी होती है तो उसका पता इस KFT Test से लगाया जा सकता है। यदि आप KFT से संबंधित सभी जानकारी को लेना चाहते हैं तब हमारा आपसे अनुरोध है कि हमारे इस KFT test hindi me jankari लेख को अंत तक पढ़े।
Kidney Test Kyo Kiya Jata Hai – किडनी टेस्ट क्यों किया जाता है?
किडनी टेस्ट यह पता लगाने में मदद करता है कि आपकी किडनी अपशिष्ट और अतिरिक्त द्रव को शरीर से निकाल पा रही है या नहीं।
डायबिटीज और उच्च रक्तचाप किडनी फेलियर के मुख्य कारणों में से हैं। इन बीमारियों से पीड़ित लोगों में किडनी डैमेज की आशंका अधिक होती है, इसलिए समय-समय पर किडनी की जांच कराई जाती है।
जिन लोगों को पहले से किडनी की बीमारी है, उनके लिए नियमित अंतराल पर किडनी टेस्ट कराना जरूरी होता है ताकि बीमारी की प्रगति पर नजर रखी जा सके।
अगर किसी व्यक्ति को बड़ी सर्जरी होनी है, तो डॉक्टर यह सुनिश्चित करने के लिए किडनी टेस्ट कराते हैं कि किडनी सही से काम कर रही है और व्यक्ति ऑपरेशन के लिए फिट है या नहीं।
यदि आपकी लगातार कुछ दवाएं चल रही है तो कुछ दवाये किडनी पर असर डालती हैं, दवा से किडनी प्रभावित तो नहीं हो रही इसके लिए किडनी टेस्ट की जाती है।
Kidney Bimari Ke Lakshan – किडनी बीमारी के लक्षण
यदि एक बार आपके शरीर में किडनी की समस्या बढ़ती जाती है। इसके लक्षण शुरुआत में स्पष्ट नहीं होते है। लेकिन जब स्थिति गंभीर हो जाती है तब ये लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये लक्षण निन्नलिखित प्रकार के हैं :
- हाथों, पैरों और चेहरे में सूजन
- थकान और कमजोरी
- मूत्र में झाग या खून आना
- पेशाब में कमी या अत्यधिक पेशाब आना
- बदन में खुजली या रूखापन
- सांस लेने में तकलीफ
- भूख न लगना, बार-बार उल्टी या जी मचलाना
- सीने में दर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन
- नींद नहीं आना
Kidney Function Test Types in Hindi – किडनी फंक्शन टेस्ट के प्रकार
किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test) वे जांचें होती हैं जिनकी मदद से यह पता लगाया जाता है कि आपकी गुर्दे (किडनी) कितनी अच्छी तरह काम कर रही हैं। ये टेस्ट blood और urine के सैंपल ले कर किए जाते हैं।
नीचे किडनी फंक्शन टेस्ट के मुख्य प्रकार दिए गए हैं:
- सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट (Serum Creatinine Test)
यह टेस्ट खून में क्रिएटिनिन की मात्रा को मापता है।
अगर क्रिएटिनिन का स्तर अधिक हो, तो यह किडनी की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है।
- ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN) टेस्ट
यह टेस्ट शरीर में यूरिया की मात्रा को नापता है जो प्रोटीन के टूटने से बनता है।
अगर BUN का स्तर अधिक है, तो यह किडनी या लिवर की समस्या का संकेत हो सकता है।
- Estimated Glomerular Filtration Rate (eGFR)
यह टेस्ट किडनी द्वारा रक्त को छानने की क्षमता (फिल्ट्रेशन रेट) को नापता है।
GFR जितना कम होता है, किडनी की कार्यक्षमता उतनी ही कमजोर होती है।
- क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट (Creatinine Clearance Test)
यह टेस्ट रक्त और 24 घंटे के मूत्र सैंपल से किया जाता है।
यह बताता है कि किडनी कितनी तेजी से क्रिएटिनिन को छान रही हैं।
यह eGFR की पुष्टि में मदद करता है।
- यूरिन एल्बुमिन टेस्ट (Urine Albumin Test)
इस टेस्ट में देखा जाता है कि पेशाब में कितना एल्बुमिन (प्रोटीन) प्रेजेंट है।
अधिक एल्बुमिन किडनी की क्षति को बताता है।
Microalbuminuria Test इसका प्रारंभिक रूप है जो शुरूआती क्षति का पता लगाता है।
- 24-घंटे का यूरिन टेस्ट (24-Hour Urine Test)
पूरे दिन का मूत्र संग्रह कर उसमें क्रिएटिनिन, प्रोटीन, यूरिया आदि की जांच की जाती है।
इससे किडनी की फिल्ट्रेशन क्षमता और अपशिष्ट निष्कासन की क्षमता का पता चलता है।
- Blood Uric Acid Test (यूरिक एसिड टेस्ट)
अगर किडनी यूरिक एसिड को सही से बाहर नहीं निकाल पा रही है, तो इसका स्तर खून में बढ़ जाता है।
यह भी किडनी डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है।
- Renal Ultrasound (रेनल अल्ट्रासाउंड)
यह इमेजिंग टेस्ट होता है जिससे किडनी के आकार, संरचना, सूजन, पथरी या ब्लॉकेज का पता चलता है। - CT Scan या MRI (सीटी स्कैन / एमआरआई)
यह अधिक जटिल मामलों में किडनी की गहराई से जांच करने के लिए किया जाता है।
ट्यूमर, किडनी डैमेज या रीनल आर्टरी स्टेनोसिस जैसे मामलों में उपयोगी।
Kidney Function Test Ki Prakriya in Hindi (किडनी फंक्शन टेस्ट की प्रक्रिया)
किडनी का टेस्ट आप दो प्रकार से कर सकते हैं। आमतौर पर डॉक्टर किडनी की समस्या होने पर किडनी के टेस्ट को दो प्रकार से करते हैं। यदि आप KFT से संबंधित सभी जानकारी को लेना चाहते हैं तब हमारा आपसे अनुरोध है कि हमारे इस KFT Test Hindi Me Jankari लेख को पूरा अंत तक पढ़े।
- खून टेस्ट
कोई भी लैब तकनीशियन आपकी नस से खून का नमूना लेता है। उसके बाद इस नमूने जैसे – क्रिएटिनिन, BUN, GFR को प्रयोगशाला में भेजा जाता है और जाँच की जाती है।
- मूत्र टेस्ट
मरीज से एक साफ बोतल में मूत्र का नमूना लिया जाता है। जिसमे यूरिन में प्रोटीन, ग्लूकोज, रक्त आदि की जांच की जाती है। इन दोनों टेस्ट की रिपोर्ट आमतौर पर 24 घंटे के अंदर मिल जाती है।
Kidney Function Test Report in Hindi | किडनी फंक्शन टेस्ट रिपोर्ट कैसे समझें
यदि आपने किडनी का टेस्ट कराया है और आप KFT Test Hindi Me Jankari लेना चाहते हैं। जो निम्नलिखित इस प्रकार है कि –
टेस्ट नाम | सामान्य रेंज |
यूरिक एसिड | पुरुष: 3.4–7.0 mg/dL, महिला: 2.4–6.0 mg/dL |
सीरम क्रिएटिनिन | पुरुष: 0.7–1.3 mg/dL, महिला: 0.6–1.1 mg/dL |
BUN (ब्लड यूरिया नाइट्रोजन) | 7–20 mg/dL |
GFR | 90 ml/min/1.73m² या अधिक |
Kidney function test ki taiyari kaise kare | KFT टेस्ट की तैयारी कैसे करें
यदि आप किडनी का टेस्ट कराना चाहते है। उसके लिए सबसे पहले डॉक्टर से consult करना चाहिए, उसके बाद आप किसी लैब में जाकर अपना खून या फिर मूत्र का नमूना दे सकते है। परन्तु नमूना देने से पहले आपको शारीरिक तौर पर कुछ तैयारियां करना अनिवार्य है। जो निम्नलिखित इस प्रकार है कि –
- उपवास करना – कुछ ऐसे KFT Test होते है, जिन के लिए नमूना लेने से पहले 8-12 घंटे तक उपवास रखना आवश्यक हो सकता है।
- दवा का न लेना – बहुत सी दवाये ऐसी होती है, जो टेस्ट के रिजल्ट को बिगाड़ सकती है। इसलिए उन दवाओं को न लेने की सलाह दी गयी है।
- खानपान संबंधी परहेज़ – KFT Test से पहले अधिक प्रोटीन या अधिक प्यूरीन वाले खान पान का सेवन करने से बचें।
- हाइड्रेशन – जब तक आपका डॉक्टर अन्यथा सलाह न दे, खूब पानी पियें। परन्तु यह सब डॉक्टर की परामर्श के अनुसार ले।
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निष्कर्ष – KFT Test Hindi Me Jankari
इस KFT Test Hindi Me Jankari लेख में हमने किडनी टेस्ट से संबंधित सभी जानकारी दी है। हमारे द्वारा दी गयी जानकारी विशेषयज्ञ से चर्चा के बाद आप तक पहुंचाई गई है। इससे संबंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमारे कमेंट सेक्शन के माध्यम से कमेंट करके पूछ सकते हैं।
साथ में हमारा आपसे यह भी अनुरोध है कि यदि आपको उपरोक्त दिए गए किडनी के लक्षण में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तब आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। हमारे शरीर में किडनी एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। जिसका हमारे शरीर में ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी है, ऐसे में आप हमारे माध्यम से लिखे गए उपरोक्त लेख की मदद ले सकते हैं और अपने किडनी का ध्यान रख सकते हैं।
सामान्य व्यक्ति को कितनी बार किडनी फंक्शन टेस्ट कराना चाहिए?
यदि कोई किडनी से संबंधित समस्या नहीं है, तो साल में एक बार जाँच पर्याप्त होती है। लेकिन डायबिटीज़ या हाई बीपी जैसी बीमारियों में 6 महीने में एक बार या डॉक्टर की सलाह अनुसार कराना चाहिए।
क्या किडनी फंक्शन टेस्ट से किडनी फेलियर का पता चल सकता है?
हां, यदि टेस्ट रिपोर्ट में क्रिएटिनिन और BUN का स्तर अधिक हो और GFR कम हो, तो यह किडनी फेलियर या क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) की ओर संकेत करता है।
अगर किडनी फंक्शन टेस्ट की रिपोर्ट खराब आए तो क्या करें?
तुरंत किसी नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी विशेषज्ञ) से संपर्क करें और उनकी सलाह के अनुसार दवाएं, डाइट व लाइफस्टाइल में बदलाव करें।