bore basi khane ke fayade | majdoor divas
बोरे बासी क्या है?
bore basi khane ke fayade
छत्तीसगढ़ में बहुत से पारंपरिक व्यंजन और खाद्य पदार्थ प्रचालन में हैं. सबसे ज्यादा खाया जाने वाला कोई व्यंजन है तो वो है बोरे बासी. सदियों से यहाँ के आदिवासी और अन्य सभी जातियां भोजन के रूप में बोरे बासी को खाते आये हैं।
ये बहुत ही स्वादिस्ट व्यंजन है । छोटे बड़े सभी इसे चाव से खाते हैं खास तौर पर ग्रामीण छेत्र में. आज इस लेख में मैं आप को बताऊंगा बोरे बासी के विभिन्न लाभ के बारे में. बोरे और बासी दोनों एक ही भोजन है लेकिनउसको खाने के और तैयार
करने के समय की वजह से दोनों अलग अलग नामों से जाने जाते हैं ।
बोरे बासी खाने के फायदे- डाक्टरों के अनुसार बोरे बासी में बहुत अधिक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं, जब इसे रात भर पानी में डुबोया जाता है तो इसका खमीरीकरण हो जाता है ,इसके कारण यह हलका और पचने में आसन होता है।
इसमें विटामिन बी काम्प्लेक्स ,कैल्शियम ,कार्बोहायड्रेट ,एंटीऑक्सीडेंट बहुत होता है,बोरे बासी खाने से सब से ज्यादा फायदा पेट को होता है ,पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट को शीतलता मिलती है.रात को नींद भी अच्छी आती है.त्वचा भी सुन्दर साफ़ होती है.त्वचा की कई बीमारियाँ भी दूर होती हैं ,झुर्रियां खत्म होतो हैं
लू नहीं लगती,स्फूर्ति बनी रहती है ,बोरे बासी में पानी अधिक होता है जिससे प्यास कम लगती है,डिहाइड्रेशन नहीं होता, पानी की पर्याप्त मात्रां होने से शरीर ठंडा रहता है।
बोरे बासी सदियों पुराना प्रचलन
बोरे बासी सदियों पुराना प्रचलन- छत्तीसगढ़ में बोरे बासी खाने का प्रचलन सदियों पुराना है. बोरे बासी को लोग गर्मियों से मौसम में ज्यादा खाते हैं .इसका मुख्या कारण है इसकी ठंडी तासीर. ठंडा होने के कारण गर्मियों में राहत प्रदान करता है।
ख़ास तौर से मजदूर वर्ग क्यों की मजदूर वर्ग धूप गर्मी में ज्यादा काम करते हैं। ज्यादा गर्मी से लू लगना, पेट मरोड़ना, बुखार जैसे बीमारी हो सकते हैं। लोगों को बोरे बासी शरीर के लिए बहुत फायदे मंद होता है, इसके लाभ बहुत कम ही लोग जानते हैं।
बोरे बासी बनाने के पीछे उद्देश्य यह होता है की रात का चावल जो बच जाता है वह बेकार नहीं जाता ,उससे बोरे बासी बनाया जाता है. गरीब मजदूर लोग बचे हुए चावल को पानी में डूबा कर उसे दुबारा खाते हैं ।
बोरे बासी खाने के फायदे- डाक्टरों के अनुसार बोरे बासी में बहुत अधिक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं, जब इसे रात भर पानी में डुबोया जाता है तो इसका खमीरीकरण हो जाता है ,इसके कारण यह हलका और पचने में आसन होता है।
इसमें विटामिन बी काम्प्लेक्स ,कैल्शियम ,कार्बोहायड्रेट ,एंटीऑक्सीडेंट बहुत होता है,बोरे बासी खाने से सब से ज्यादा फायदा पेट को होता है ,पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट को शीतलता मिलती है.रात को नींद भी अच्छी आती है.त्वचा भी सुन्दर साफ़ होती है.त्वचा की कई बीमारियाँ भी दूर होती हैं ,झुर्रियां खत्म होतो हैं
लू नहीं लगती,स्फूर्ति बनी रहती है ,बोरे बासी में पानी अधिक होता है जिससे प्यास कम लगती है,डिहाइड्रेशन नहीं होता, पानी की पर्याप्त मात्रां होने से शरीर ठंडा रहता है।
बोरे बासी खाने के फायदे| bore basi khane ke fayade
बोरे बासी खाने के फायदे- डाक्टरों के अनुसार बोरे बासी में बहुत अधिक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं, जब इसे रात भर पानी में डुबोया जाता है तो इसका खमीरीकरण हो जाता है ,इसके कारण यह हलका और पचने में आसन होता है।
इसमें विटामिन बी काम्प्लेक्स ,कैल्शियम ,कार्बोहायड्रेट ,एंटीऑक्सीडेंट बहुत होता है,बोरे बासी खाने से सब से ज्यादा फायदा पेट को होता है ,पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट को शीतलता मिलती है.रात को नींद भी अच्छी आती है.त्वचा भी सुन्दर साफ़ होती है.त्वचा की कई बीमारियाँ भी दूर होती हैं ,झुर्रियां खत्म होतो हैं ।
बोरे बासी खाने के फायदे- डाक्टरों के अनुसार बोरे बासी में बहुत अधिक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं, जब इसे रात भर पानी में डुबोया जाता है तो इसका खमीरीकरण हो जाता है ,इसके कारण यह हलका और पचने में आसन होता है।
इसमें विटामिन बी काम्प्लेक्स ,कैल्शियम ,कार्बोहायड्रेट ,एंटीऑक्सीडेंट बहुत होता है,बोरे बासी खाने से सब से ज्यादा फायदा पेट को होता है ,पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट को शीतलता मिलती है.रात को नींद भी अच्छी आती है.त्वचा भी सुन्दर साफ़ होती है.त्वचा की कई बीमारियाँ भी दूर होती हैं ,झुर्रियां खत्म होतो हैं
लू नहीं लगती,स्फूर्ति बनी रहती है ,बोरे बासी में पानी अधिक होता है जिससे प्यास कम लगती है,डिहाइड्रेशन नहीं होता, पानी की पर्याप्त मात्रां होने से शरीर ठंडा रहता है।
लू नहीं लगती,स्फूर्ति बनी रहती है ,बोरे बासी में पानी अधिक होता है जिससे प्यास कम लगती है,डिहाइड्रेशन नहीं होता, पानी की पर्याप्त मात्रां होने से शरीर ठंडा रहता है।
बोरे और बासी में क्या अंतर है?
बोरे और बासी में क्या अंतर है- बड़े बुजुर्गो का कहना है की बोरे और बासी दोनों एक ही हैं.बस अलग अलग समय पर खाए जाने और तैयार किये जाने के कारण अलग अलग नाम से जाने जाते हैं .जब बचे हुए चावल को रात में पानी में डूबा कर खाया जाता है उसे बोरे कहते हैं,और जब बचे हुए चावल को पानी में डूबा कर रात भर छोड़ देते है और सुबह खाते है
उसे बासी कहते हैं।
दही के साथ बोरे बासी का सेवन| bore basi khane ke fayade
दही के साथ बोरे बासी का सेवन- आहार विशेषज्ञ बताते हैं की बोरे बासी का सेवन अगर दही के साथ किया जाये तो और भी ज्यादा फायदा मिलता है क्यों की दही में खमीरीकरण के कारण विटामिन सी होता है, दही और बासी चावल दोनों मिल जाएँ तो फायदा दुगुना हो जाता है। यह पेट के कई विकार को खत्म कर देता है।
अपच की समस्या दूर हो जाती है,इसीलिए बोरे बासी दही के साथ खाना और भी फायदेमंद होता है।
बोरे बासी खाने की सलाह मुख्यमंत्री द्वारा
बोरे बासी खाने की सलाह मुख्यमंत्री द्वारा- छत्तीसगढ़ प्रदेश के यश्सस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल भी बोरे बासी खाने की सलाह देते है,उन्होंने खुद बोरे बासी खाते हुए फोटो खिचवाई है ,इससे साफ़ पता चलता है की बोरे बासी खाने के कितने फायदे हो सकते हैं।
उन्होंने जनता से अपील भी की है.बोरे बासी छत्तीसगढ़ के अलावा ओड़िस,मध्यप्रदेश,पश्चिम बंगाल,आंध्रप्रदेश आदि राज्यों में भी बोरे बासी खाया जाता है। बोरे बासी हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और हमें इसे हर हाल में जीवित रखना है।