invitro gametogenesis: बिना माँ के बच्चे होंगे पैदा इस तकनीक से
इस लेख में आप जानेंगे In vitro gametogenesis क्या है ,इसकी प्रक्रिया, भविष्य और चुनौतियाँ। In vitro gametogenesis (आईवीजी) इन विट्रो गेमेटोगेनेसिस (आईवीजी) इन विट्रो जनरेटेड गैमेट्स को विकसित करने की तकनीक है।ये बिलकुल नयी तकनीक है जिसे जापान के दो रिप्रोडक्टिव बायोलॉजिस्ट कत्सुहिको हयाशी और मितिनोरी साइतो ने इन्वेंटकिया है। इस तकनीक में चूहों…
इस लेख में आप जानेंगे In vitro gametogenesis क्या है ,इसकी प्रक्रिया, भविष्य और चुनौतियाँ।
In vitro gametogenesis (आईवीजी)
इन विट्रो गेमेटोगेनेसिस (आईवीजी) इन विट्रो जनरेटेड गैमेट्स को विकसित करने की तकनीक है।
ये बिलकुल नयी तकनीक है जिसे जापान के दो रिप्रोडक्टिव बायोलॉजिस्ट कत्सुहिको हयाशी और मितिनोरी साइतो ने इन्वेंट
किया है।
इस तकनीक में चूहों पर प्रयोग किया गया. इसमें मेल चूहे की पूँछ से स्किन सेल्स ली गयी और मादा चूहे की स्टेम सेल्स के साथ प्रोग्राम किया गया
स्टेम सेल्स को एग सेल्स में बदल कर फ़र्त्तिलाइज़ किया गया और फिर इसे मादा चूहे के गर्भ में प्लांट किया गया।
इस तकनीक से बच्चों का जन्म हो गया और इस तकनीक को नाम दिया गया इन विट्रो गेमेटोगेनेसिस. यह तकनीक डिज़ाइनर बेबी बनाने
के लिए भी उपयोग में लायी जा सकती है क्यों की यह इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से ज्यादा उन्नत तकनीक है। अगले 20 से 40 सालों में लोग सेक्स तो करेंगे
लेकिन जब उनको बच्चे चाहिए होंगे तो वे लैब में जायेंगे. इन विट्रो गेमेटोगेनेसिस में होने ये वाला है की स्किन सेल्स को प्लुरीपोतेंत स्टेम सेल्स में ट्रांसफॉर्म
कर के प्लुरीपोतेंत स्पर्म और एग सेल बनाया जायेगा।
इन विट्रो गेमेटोगेनेसिस हमें नेचर की रेप्रोदाक्टिव सीमा को पार कर मेनोपौसल वीमेन और सेम सेक्स कपल को भी पैरेंट बना सकता है।
In vitro gametogenesis ki प्रक्रिया
इनविट्रो गेमेटोजेनेसिस (In vitro Gametogenesis) एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें मनुष्य या पशु के जीवाणुओं से प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले जीवाणुओं को प्रयोग करके गांठीय कोशिकाओं (गेमेट्स) की उत्पत्ति की जाती है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य होता है कि यह मानव जीवन में अनश्वस्त्र जनन (अशुक्रवाह) की समस्याओं को हल कर सके और अनुपयुक्त जननतंत्रों के कारण प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में सहायता प्रदान कर सके।
इनविट्रो गेमेटोजेनेसिस शुरूआती अध्ययनों में है और इसका विकास अभी तक प्रगति के आदान-प्रदान के अधीन है। यह प्रक्रिया विभिन्न चरणों से मिलकर संभव होती है जिनमें इनविट्रो में उत्पन्न की गई सोमाटिक कोशिकाओं (शरीरिक कोशिकाएं) का उपयोग किया जाता है। इसके लिए, सोमाटिक कोशिकाएं उच्चतम उपदान वाली उच्च परिशुद्धता वाली जीवाणु निकालने के लिए प्रयोग की जाती हैं और इसके बाद वे कार्यकर अंश (क्रोमोसोम) हटाए जाते हैं।
इसके बाद, इन सोमाटिक कोशिकाओं का संचयन किया जाता है और वे विशेष प्रयोजन के लिए उपयोग की जाती हैं। उच्च परिशुद्धता और उपदान वाले जीवाणुओं का चयन किया जाता है ताकि इनविट्रो में जीवाणु उत्पन्न करने की क्षमता अधिक हो। इन उत्पन्न जीवाणुओं का विकास विशेष पोषक तत्वों के साथ किया जाता है और उन्हें सही मात्रा में और सही समय पर उत्पन्न होने के लिए उत्तेजित किया जाता है। इस प्रक्रिया के पश्चात, ये जीवाणु विशेष नर और मादा गेमेट्स में परिवर्तित होते हैं।
In vitro gametogenesis का भविष्य
इनविट्रो गेमेटोजेनेसिस वैज्ञानिक समुदाय में गहरी रुचि और उत्साह पैदा कर रही है, क्योंकि इसका संभावित उपयोग बहुत सारे चुनौतीपूर्ण प्रश्नों का सामना कर सकता है। हालांकि, अभी तक अधिकांश अध्ययन लैबोरेटरी में हो रहे हैं और वाणिज्यिक रूप से वितरित नहीं हुए हैं। यह एक अभी केवल संशोधनात्मक अवधारणा है और इसका विस्तार और उपयोग और उसके निष्पादन के लिए अभी औचित्य संदेह में है। इसलिए, इनविट्रो गेमेटोजेनेसिस को आगे बढ़ाने के लिए और इसके संभावित लाभों और चुनौतियों को समझने के लिए अधिक अध्ययन और तथ्य संग्रह की आवश्यकता है।
इनविट्रो गेमेटोजेनेसिस के संदर्भ में, यह तथ्य देना महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य अनश्वस्त्र जनन की समस्याओं को हल करना है। व्यक्ति जो अपने स्वतंत्र रूप से गर्भधारण नहीं कर सकता है या विभिन्न कारणों से जनन प्रणाली में असमर्थ है, उनके लिए इस प्रक्रिया का प्रयोग किया जा सकता है।
इनविट्रो gametogenesis के माध्यम से, सोमाटिक कोशिकाओं से प्राकृतिक गेमेट्स को उत्पन्न किया जा सकता है जो उपयोगी हो सकते हैं। यह गर्भधारण के लिए आवश्यक गर्भाशय और अन्य प्रकृतिक तत्वों की आवश्यकता को कम कर सकता है। इसके साथ ही, इस प्रक्रिया के माध्यम से जनन के लिए माध्यमिक संचार यानी गर्भवती महिला के शरीर में गेमेट्स के स्थानांतरण की आवश्यकता को भी दूर किया जा सकता है।
यह विज्ञानिक प्रक्रिया बहुत सारे लाभ प्रदान कर सकती है, जैसे कि:
- अशुक्रवाह से पीड़ित या जनन निषिद्ध स्त्रीजन्य समस्याओं के लिए जनन विकल्प प्रदान करना।
- युवा महिलाओं में पुष्टि की गुणवत्ता के निर्धारण और उन्हें शरीरिक संचार प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना।
- जीवाणु संभावित विकसिति की गहराई में विश्वास करने की क्षमता प्रदान करना और उत्पादन की प्रक्रिया में सुधार करना।
- प्राकृतिक जीवाणु उत्पादन की आवश्यकता को कम करके जीवाणु उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना।
- वैज्ञानिक अध्ययन में आगे बढ़कर आंशिक और पूर्ण जनन प्रणाली के विकास में मदद करना।
In vitro gametogenesis : अवसर और चुनौतियाँ
हालांकि, इनविट्रो गेमेटोजेनेसिस के उपयोग में भी चुनौतियां हैं। यह प्रक्रिया अभी विकास के आदान-प्रदान के अधीन है और इसकी व्यापक वाणिज्यिक उपयोगिता अभी नहीं हुई है। इसके अलावा, इस प्रक्रिया में नैतिक और मानवीय मुद्दों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। वैज्ञानिक समुदायों को इन चुनौतियों का सामना करना होगा और नियंत्रित मानव परीक्षण के माध्यम से इसके नैतिक और सामाजिक पहलुओं को समझना होगा।
इनविट्रो गेमेटोजेनेसिस गर्भधारण प्रक्रिया की एक रोचक और प्रगतिशील विधि है। यह मानव जनन विज्ञान में एक महत्वपूर्ण कदम है जो नई संभावनाओं को खोल सकता है। हालांकि, इसके व्यापारिक और मानवीय उपयोग की संभावना को ध्यान में रखते हुए अधिक विज्ञानिक अध्ययन और नैतिक विचार की आवश्यकता है।