Full Liver Transplant Kya Hota Hai Hindi: कारण, प्रक्रिया, फायदे, लागत, सावधानियां और पूरी जानकारी
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परिचय- Full Liver Transplant Kya Hota Hai Hindi
Liver (यकृत) हमारे शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग होता है। यह लगभग 1.5 kg वजन का नरम और लाल भूरा अंग का होता है इससे हम एक अनिवार्य केमिकल फैक्ट्री भी कहते हैं। यह हमारे पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में स्थित होता है। लिवर 500 से अधिक आवश्यक कार्य करता है जिनमें भोजन को पचाने में सहायता, खून को साफ करना, प्रोटीन और एंजाइम बनाना, ऊर्जा का भंडारण और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना आदि जैसे काम शामिल होते हैं।
लेकिन जब लीवर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है तो दावों या अन्य मेडिकल उपाय से सुधार संभव नहीं हो पता है इसके लिए फूल लिवर ट्रांसप्लांट (full liver transplant) की जरूरत होती है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको मुख्य रूप से full liver transplant kya hota hai hindi में सभी प्रकार की जानकारी बताएंगे।
लिवर के प्रमुख कार्य
कार्य | विवरण |
---|---|
पित्त निर्माण | पाचन में मदद करता है और वसा को तोड़ता है |
डिटॉक्सिफिकेशन | खून से टॉक्सिन्स और हानिकारक केमिकल्स को निकालता है |
ब्लड शुगर नियंत्रण | ग्लाइकोजन का भंडारण और जरूरत पड़ने पर ग्लूकोज रिलीज |
प्रोटीन निर्माण | एल्बुमिन और क्लॉटिंग फैक्टर्स का निर्माण |
विटामिन/मिनरल स्टोरेज | विटामिन A, D, E, K और आयरन का भंडारण |
रोग प्रतिरोधक क्षमता | संक्रमण से लड़ने में मदद करता है |
लिवर खराब होने के आंकड़े (डेटा स्रोत: WHO, AIIMS)
full liver transplant kya hota hai hindi के बारे में जानकारी जानने से पहले हम WHO, AIIMS आदि के अनुसार लिवर खराब होने के आंकड़ों को पहले जान लेते हैं।
- WHO के अनुसार हर साल दुनिया में लगभग 20 लाख लोग लिवर रोग के कारण मरते हैं।
- भारत में लिवर रोग से मरने वाले लोगों की मृत्यु, भारत में मरने वाले लोगों के top कारण की लिस्ट में से एक है।
- AIIMS की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल लगभग 50000 लोग ko लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है लेकिन उनमें से केवल 1800 से 2000 लोग का ही liver transplant हो पाता हैं।
- लिवर रोग होकर मरने वाले लोगों के मुख्य कारणों में सिरोसिस, हेपेटाइटिस बी/सी, फैटी लीवर और लीवर कैंसर आदि जैसे रोग शामिल है।
लिवर खराब होने के मुख्य कारण | Causes Of Liver Failure In Hindi
आमतौर पर लिवर खराब होने के मुख्य कारण सिरोसिस, हेपेटाइटिस बी/सी, फैटी लीवर और लीवर कैंसर आदि जैसे रोग होते हैं। इसलिए causes of liver failure in hindi के बारे में अब हम विस्तार से बताते हैं।
1. सिरोसिस (Cirrhosis)
- लंबे समय तक शराब का अत्यधिक सेवन करने से सिरोसिस हो जाता है (causes of liver failure in hindi)।
- हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण से भी सिरोसिस होने का खतरा होता है।
- Autoimmune liver disease होने से भी सिरोसिस बीमारी हो जाती है।
- फैटी लिवर डिजीज (NAFLD/NASH) के कारण भी कई लोगों को सिरोसिस नामक बीमारी हो जाती है जिससे लिवर डैमेज होता है।
2. लिवर कैंसर (Hepatocellular Carcinoma)
- जब कैंसर केवल लीवर तक सीमित हो और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैल रहा हो तो ऐसी स्थिति में लिवर कैंसर होने का खतरा हो जाता है जिससे full liver transplant की आवश्यकता हो जाती है (causes of liver failure in hindi)।
3. एक्यूट लिवर फेल्योर (Acute Liver Failure)
- जब अचानक लीवर का काम करना बंद हो जाता (causes of liver failure in hindi)है जहर, दवा का ओवरडोज, हेपेटाइटिस संक्रमण आदि के कारण तो एक्यूट लिवर फैलियर होता है।
4. जन्मजात लिवर रोग (Congenital Liver Diseases)
- जन्मजात लिवर रोग जैसे बिलियरी एट्रेसिया ( Biliary Atresia) जो खास तौर पर बच्चों में पाया जाता है।
5. जेनेटिक और मेटाबॉलिक रोग
- विल्सन डिजीज (कॉपर ओवरलोड) होने के कारण जेनेटिक रोग
- हेमोक्रोमैटोसिस (आयरन ओवरलोड) होने के कारण मेटाबॉलिक रोग होते हैं।
अब तक हमने लिवर खराब होने के कारण (causes of liver failure in hindi) के बारे में विस्तृत पूर्वक जानकारी जान ली, इसलिए अब हम full liver transplant kya hota hai hindi में इसके बारे में सभी प्रकार की जानकारी जानेंगे।
Full Liver Transplant Kab Karwana Chahiye
नीचे बताया गया है Full Liver Transplant Kab Karwana Chahiye:
- लिवर की कार्यक्षमता 20% से कम रह गयी हो तब
- दवाओं से कोई सुधार न हो रहा हो
- लगातार लिवर फेल्योर के एपिसोड
- लिवर कैंसर जो सर्जरी या रेडियोथेरेपी से नियंत्रित न हो रहा हो
फुल लिवर ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पहचानने का चार्ट
स्थिति / कारण | मुख्य लक्षण | टेस्ट रिज़ल्ट / मेडिकल रिपोर्ट | MELD स्कोर का संकेत |
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क्रॉनिक लिवर फेल्योर (Cirrhosis, Chronic Hepatitis, NAFLD) | – लगातार थकान – वजन कम होना – पीली आंखें और त्वचा (जॉन्डिस) – बार-बार पेट में पानी भरना (Ascites) | – लिवर एंजाइम (ALT, AST) लगातार हाई – बिलीरुबिन बढ़ा हुआ – INR > 1.5 – एल्बुमिन लेवल कम | MELD ≥ 15 |
बार-बार होने वाला Ascites और Variceal Bleeding | – पेट भारी रहना – सांस लेने में तकलीफ – खून की उल्टी या मल में खून | – अल्ट्रासाउंड में Ascites – एंडोस्कोपी में Varices दिखाई देना | MELD ≥ 18 |
हेपेटिक एन्सेफेलोपैथी | – भ्रम, सुस्ती, भूलना – बार-बार बेहोशी के दौरे | – अमोनिया लेवल ज्यादा – EEG में असामान्य पैटर्न | MELD ≥ 20 |
एक्यूट लिवर फेल्योर | – अचानक जॉन्डिस – ब्लीडिंग – बेहोशी | – बिलीरुबिन तेजी से बढ़ना – INR > 2 – लिवर फंक्शन अचानक खराब | MELD ≥ 25 |
लिवर कैंसर (HCC) | – अक्सर शुरुआती स्टेज में लक्षण नहीं – कभी-कभी पेट दर्द, वजन कम होना |
Full Liver Transplant Step By Step In Hindi
full liver transplant kya hota hai hindi के बारे में अच्छी तरह समझ होने के लिए हमें स्टेप बाय स्टेप इसको समझना होगा। तो चलिए हम जानते हैं Full Liver Transplant Step By Step In Hindi:
1. रोगी का मूल्यांकन (Patient Evaluation)
- Full Liver Transplant Step By Step In Hindi सबसे पहले रोगी की पूरी मेडिकल हिस्ट्री और पूरे शरीर की जांच की जाती है।
- Blood test, imaging (MRI/CT Scan) और अन्य विशेष जांच के माध्यम से बीमार व्यक्ति की जांच की जाती है।
- मैरिज लिवर ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार है या नहीं, ये चेक किया जाता है।
2. दाता का चयन (Donor Selection)
- लिवर देने वाला व्यक्ति जीवित (Living Donor) या मृतक (Deceased Donor) दोनों हो सकता है।
- Donor का ब्लड ग्रुप, लिवर साइज और हेल्थ मिलना जरूरी होता है।
- लिवर देने वाले व्यक्ति की मेडिकल जांच उनकी स्वीकृति से की जाती है।
3. सर्जरी की तैयारी (Pre-Surgery Preparation)
- मरीज और लीवर देने वाले व्यक्ति दोनों को ऑपरेशन से पहले स्वस्थ डाईट का खाना और दवाई दी जाती है।
- ऑपरेशन से लगभग 8 से 12 घंटा पहले खाना पीना बंद कर दिया जाता है।
- ऑपरेशन थिएटर में इन्फेक्शन को रोकने के लिए विशेष रूप से सफाई का ध्यान दिया जाता है।
4. पुराना लिवर हटाना (Removal of Diseased Liver)
- जनरल एनेस्थीसिया देकर मरीज को सुला दिया जाता है।
- उसके बाद पेट में चीरा लगा कर खराब लिवर को सावधानी से निकाला जाता है।
- आसपास की नसों और पित्त नलिकाओं को सुरक्षित रखना जिम्मेदारी भरा काम होता है।
5. नया लिवर लगाना (Transplantation of New Liver)
- लिवर देने वाले व्यक्ति का लीवर (पूरा या आंशिक) रूप से ट्रांसप्लांट वाले व्यक्ति को लगाया जाता है।
- व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं और पित्त नलिकाओं को इस प्रक्रिया में नए लीवर से जोड़ दिया जाता है।
- आमतौर पर इस सर्जरी में व्यक्ति को लगभग 8 घंटे से लेकर ज्यादातर 12 घंटे का ही समय लगता है।
6. सर्जरी के बाद की देखभाल (Post-Operative Care)
- मरीज को ICU में 1से 2 हफ्ते तक मॉनिटर किया जाता है।
- इंफेक्शन और अंग इंजेक्शन को रोकने के लिए इम्यूनोसप्रेसिव दवाई उपयोग की जाती है।
- इसके साथ ही डॉक्टर मरीज को फिजिकल थेरेपी और डाइट प्लान भी देते हैं।
7. लंबी अवधि की रिकवरी (Long-Term Recovery)
- रिकवरी में लंबा समय लगता है इसके लिए नियमित फॉलो अप रूटिंग और ब्लड टेस्ट करना चाहिए।
- आपको ऑपरेशन के बाद हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाना चाहिए जैसे संतुलित आहार, व्यायाम, शराब या ध्रूमपान से परहेज आदि।
- इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर इंफेक्शन से बचाव होना जरूरी है।
full liver transplant kya hota hai hindi मैं अपने अब तक तो संपूर्ण जानकारी स्टेप बाय स्टेप Full Liver Transplant Step By Step In Hindi जाने की किस प्रकार फूल लीवर ट्रांसप्लांट होता है अब हम full liver transplant kya hota hai hindi की जानकारी जानने के बाद इसके बेनिफिट्स को जानते हैं।
Liver Transplant Ke Benefits
- पहला Liver Transplant Ke Benefits है लिवर ट्रांसप्लांट होने से मरीज को फिर से लंबा जीवन जीने का मौका मिलता है।
- दूसरा Liver Transplant Ke Benefits है ऑपरेशन करने के बाद मरीज फिर से रोजमर्रा की गतिविधि नौकरी और सामाजिक जीवन में सक्रिय हो सकते हैं।
- तीसरा Liver Transplant Ke Benefits है बार-बार होने वाली ब्लीडिंग, इन्फेक्शन और ब्रेन डैमेज (हैपेटिक एन्सेफेलोपैथी) से छुटकारा मिल जाता है।
- चौथा Liver Transplant Ke Benefits है सुरक्षित तरीके से सफल ट्रांसप्लांट होने के बाद मरीज की लंबी उम्र की संभावनाएं बढ़ जाती है।
- क्रॉनिक लिवर डिजीज में जो दवाई लंबे समय तक लेनी पड़ती है उनकी जरूरत काफी कम हो जाती है।
- थकान और कमजोरी होने की जगह एनर्जी और स्टेमिना भी वापस आ जाता है।
- ठीक होने से तनाव और डिप्रेशन भी कम हो जाता है।
- शुरुआती स्टेज में लिवर कैंसर में ट्रांसप्लांट से कैंसर आगे फैलने से रोका जा सकता है।
liver donor kaise bane
अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को अपना लिवर देना चाहता है तो वह liver donor kaise bane इसके बारे में जानकारी जानना चाहता है। तो चलिए हम इसके बारे में बताते हैं।
1. स्वेच्छा से तैयार होना
- लिवर डोनेशन का फैसला पूरी तरह से आपकी मर्जी से होना चाहिए।
- आप किसी भी तरह के दबाव, लालच या मजबूरी में अपना लिवर को दूसरे व्यक्ति को नहीं दे सकते है।
- डॉक्टर और ट्रांसप्लांट समिति ये तय करती है कि आपका फैसला पूर्ण रूप से आपका है।
2. उम्र सीमा और लिंग
- लिवर देने वाले व्यक्ति की उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच होना सही माना गया है ।
- महिला या पुरुष दोनों doner बन सकते है, लेकिन उसके लिए मेडिकल स्वास्थ्य बेहतर होना जरूरी है।
3. शारीरिक स्वास्थ्य
- शारीरिक स्वास्थ्य में आपका लिवर पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए।
- गंभीर या क्रॉनिक बीमारी (जैसे डायबिटीज, हार्ट डिज़ीज, किडनी फेल्योर) आदि जैसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए।
- व्यक्ति लिवर से सम्बंधित बीमारी जैसे सिरोसिस, फैटी लिवर, हेपेटाइटिस B/C से ग्रस्त नहीं होना चाहिए।
4. मानसिक स्वास्थ्य
- लिवर दान देने वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य स्वस्थ होना चाहिए।
- डॉक्टर यह भी जांच करते हैं कि डोनेशन के बाद मानसिक तनाव या डिप्रेशन का खतरा व्यक्ति को नहीं हो, तभी लिवर डोनेट करने की परमिशन मिलती है।
5. खून का ग्रुप मिलान (Blood Group Matching)
- दाता और रिसीवर दोनों का ब्लड ग्रुप मैच होना चाहिए तभी आप लिवर दान दे सकते हैं।
- कुछ मामलों में O ग्रुप के किडनी डोनर यूनिवर्सल डोनर की तरह काम करते हैं।
- बिना ब्लड ग्रुप मैच किया ट्रांसप्लांट करना संभव नहीं होता है ( कुछ एक्सपेरिमेंटल case को छोड़कर)
6. बॉडी वेट और फिटनेस
- दाता का BMI (Body Mass Index) सामान्य सीमा के अंतर्गत होना चाहिए।(18.5–30)
- बहुत अधिक मोटापा या बहुत कम वजन वाले लोग लीवर नहीं दे सकते हैं क्योंकि इसमें रिस्क बढ़ता है।
7. कोई गंभीर संक्रामक रोग न होना
- HIV, ट्यूबरकुलोसिस, सिफलिस, हेपेटाइटिस B/C जैसी बीमारी लिवर दान देने वाले व्यक्ति को नहीं होनी चाहिए।
- इन सभी बीमारियों से लीवर डोनेशन के दौरान रिसीवर की जान को खतरा होता है।
8. पूरी मेडिकल जांच (Evaluation Process)
- इसके बाद लिवर डोनेट करने वाले व्यक्ति को कई प्रकार के मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है।
- लिवर फंक्शन, किडनी फंक्शन, ब्लड ग्रुप, वायरल मार्कर्स जैसे ब्लड टेस्ट किए जाते हैं।
- CT स्कैन / MRI लिवर की संरचना और साइज देखने के लिए इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं।
- हार्ट फिटनेस चेक करने के लिए कार्डियक टेस्ट किया जाता है।
- मानसिक तैयारी का आकलन करने के लिए साइकोलॉजिकल काउंसलिंग की जाती है।
9. कानूनी और नैतिक अनुमति
- भारत में Human Organ Transplant Act के तहत, लिवर डोनेशन के लिए ऑथराइजेशन कमेटी के द्वारा परमिशन लेना बहुत जरूरी होता है।
- अगर आप लिवर खराब होने वाले व्यक्ति के रिश्तेदार हैं तो आपके पास रिश्ते का सबूत जैसे जन्म प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- अगर आप रिश्तेदार नहीं है तो और कड़ी जांच होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो पाए कि डोनेशन में कोई लेनदेन नहीं हो रहा है।
10. ऑपरेशन और रिकवरी
- दाता से लीवर का एक हिस्सा आमतौर पर 40 से 60% तक ऑपरेशन के दौरान लिया जाता है।
- ऑपरेशन होने के बाद 7 से 10 दिनों तक अस्पताल में ही रहना पड़ता है।
- लिवर डोनेट करने वाले व्यक्ति को पूरी रिकवरी में 6 से 8 हफ्ते का समय लगता है और 2 से 3 महीने में लिवर लगभग अपने पुराने आकार में लौट आता है।
11. डोनर के लिए सुरक्षा और फायदे
- सही मेडिकल गाइडलाइन के तहत लीवर डोनेशन करना सुरक्षित माना जाता है।
- लिवर डोनेट करने वाले व्यक्ति का लीवर फिर से बढ़ता है और लंबे समय में हेल्थ पर कोई नकारात्मक असर भी नहीं पड़ता है।
Liver Transplant Ke Bad Savdhaniya
अगर लिवर ट्रांसप्लांट हो जाता है तो liver transplant ke bad savdhaniya कौन-कौन सी बरतनी चाहिए जिसको हम जानते हैं।
- डॉक्टर के द्वारा दी जाने वाली इम्यून सुप्प्रेसिव दवाएं जो शरीर को नए लीवर को रिजेक्ट करने से रोकती है रोज समय पर लेना चाहिए, इसकी एक भी dose नहीं छोड़े।
- ब्लड टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT), और अन्य जरूरी मेडिकल चेकअप समय-समय पर करवाते रहे।
- साफ सफाई का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
- आपको भोजन में सावधानी बरतनी चाहिए,हाई प्रोटीन, ताज़ी सब्जियां, फल और कम फैट वाला संतुलित आहार ही खाना चाहिए आधापका खाना या मसालेदार खाना नहीं खाए।
- भीड़भाड़ वाली जगह पर मास्क पहन कर रहे ताकि इंफेक्शन से दूर रह सके।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें।
- हल्की वॉक, योग या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए व्यायाम को नियमित करें।
- फ्लू, हेपेटाइटिस और अन्य जरूरी वैक्सीन डॉक्टर की सलाह के अनुसार लगवाय।
- मेडिटेशन, प्राणायाम और पर्याप्त नींद से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करें।
- हर छोटी से छोटी या बड़ी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें खुद कोई भी इलाज नहीं करें।
Liver Transplant Surgery Success Rate
अगर liver transplant surgery success rate के बारे में बात की जाए तो
- 5 साल में सर्वाइवल रेट लगभग 70% होता है।
- लिवर ट्रांसप्लांट की सर्जरी समय से होने से इसके रिजल्ट और भी बेहतर दिखते हैं।
- भारत में 85 से 90% लिवर ट्रांसप्लांट सफल साबित होते हैं।
निष्कर्ष : Full Liver Transplant Kya Hota Hai Hindi
फुल लिवर ट्रांसप्लांट एक जटिल लेकिन जीवनरक्षक सर्जरी है । सही समय पर निर्णय लेना, अनुभवी सर्जन का चुनाव और ऑपरेशन के बाद अनुशासन ही सफलता की कुंजी हैं।

Full Liver Transplant Kya Hota Hai Hindi(FAQs)
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयाँ नियमित लेना
शराब और धूम्रपान से परहेज़
संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देना
संतुलित आहार और नियमित व्यायाम
समय-समय पर मेडिकल चेकअप
लिवर ट्रांसप्लांट: मिथक और सच्चाई
मिथक 1: लिवर ट्रांसप्लांट के बाद इंसान सामान्य जीवन नहीं जी सकता।
सच्चाई: यदि मरीज सही दवाइयाँ लेता है, स्वस्थ आहार अपनाता है और डॉक्टर की सलाह मानता है, तो वह सामान्य और लंबा जीवन जी सकता है।
मिथक 2: लिवर ट्रांसप्लांट बहुत खतरनाक होता है और ज्यादातर असफल हो जाता है।
सच्चाई: आज के समय में इसकी सफलता दर 85-90% तक है। यह पूरी तरह डॉक्टर (Hepatologist), समय पर सर्जरी और मरीज की देखभाल पर depend करता है।
मिथक 3: डोनर (दाता) का लिवर दान करने के बाद वह कमजोर हो जाता है।
सच्चाई: लिवर की खासियत है कि यह खुद को दोबारा विकसित कर लेता है। डोनर का लिवर 6 से 8 हफ्तों में लगभग सामान्य आकार में वापस आ जाता है।
मिथक 4: केवल परिवार का सदस्य ही डोनर बन सकता है।
सच्चाई: जीवित डोनर परिवार का सदस्य हो सकता है, लेकिन ब्रेन-डेड डोनर (कैडेवर डोनर) से भी लिवर लिया जा सकता है।
मिथक 5: लिवर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज हमेशा अस्पताल में रहना पड़ता है।
सच्चाई: मरीज को केवल शुरुआती कुछ हफ्तों तक अस्पताल में रहना पड़ता है। उसके बाद नियमित फॉलो-अप और दवाइयों से वह घर पर ही स्वस्थ रह सकता है।
मिथक 6: लिवर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज कभी भी बाहर का खाना नहीं खा सकता।
सच्चाई: मरीज संतुलित, पौष्टिक और स्वच्छ खाना खा सकता है। फास्ट फूड, तैलीय और शराब जैसी चीज़ों से परहेज़ करना ज़रूरी है
मिथक 7: यह केवल अमीर लोग ही करा सकते हैं।
सच्चाई: भले ही इसकी लागत अधिक हो, लेकिन कई सरकारी योजनाएँ और हेल्थ इंश्योरेंस लिवर ट्रांसप्लांट को कवर करती हैं।
स्रोत
- World Health Organization (WHO) – Liver diseases data
- AIIMS Liver Transplant Unit Reports
- Medanta Liver Institute
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